नई दिल्ली: प्रति माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कालाष्टमी मनाई जाती है. कालाष्टमी के दिन भगवान शिव के अवतार काल भैरव का पूजन किया जाता है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक, कालाष्टमी के दिन ही भगवान शिव ने बुरी शक्तियों का नाश करने के लिए रौद्र रुप धारण किया था और काल भैरव को भगवान शिव का ही एक स्वरूप माना जाता है. इस महीने कालाष्टमी आज यानी, 13 फरवरी 2023 को मनाई जा रही है. मासिक कालाष्टमी शुभ मुहूर्त :- फाल्गुन, कृष्ण अष्टमी प्रारम्भ - 13 फरवरी सुबह 9 बजकर 45 मिनट समाप्त - 14 फरवरी सुबह 9 बजकर 4 मिनट पर बता दें कि काल-भैरव भगवान शिव का ही एक स्वरुप हैं, मान्यता है कि जो कोई भी भक्त इस दिन सच्ची निष्ठा और भक्ति से कालभैरव की पूजा करता है, भगवान शिव उस व्यक्ति के जीवन से सभी नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकालकर उसे सुख और समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं. इस दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करके व्रत करना चाहिए और फिर किसी शिवालय में जाकर भगवान शिव या भैरव के मंदिर में जाकर पूजन करना चाहिए. शाम के वक़्त शिव और पार्वती और भैरव जी की पूजा करें. क्योंकि भैरव को तांत्रिकों का देवता माना जाता है इसलिए इनकी पूजा रात में भी की जाती है. काल भैरव की पूजा में दीपक, काले तिल, उड़द और सरसों के तेल को जरूर शामिल करें. व्रत पूरा करने के बाद काले कुत्ते को मीठी रोटियां खिलाएं. काल भैरव मंत्र- ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम: इन उपायों से प्रसन्न होंगे काल भैरव:- भगवान काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव की मूर्ति या तस्वीर के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं. इस दिन श्रीकालभैरवाष्टकम् का पाठ करें और 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से 'ॐ नम: शिवाय' लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करें. कालाष्टमी के दिन काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाना बहुत शुभ माना जाता है, यदि आसपास कोई काला कुत्ता नहीं है, तो किसी भी कुत्ते को मीठी रोटी खिला सकते हैं. इस दिन किसी गरीब, भिखारी या कोढ़ी को वस्त्र का दान करना बेहद शुभ माना जाता है. शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय न करें ये गलतियां, वरना हो जाएंगे बर्बाद महाशिवरात्रि पर भूलकर भी ना करें ये गलतियां, वरना भुगतना पड़ेगा भारी अंजाम यहाँ पर 7 वर्षों से चल रहा है रामचरितमानस का अखंड पाठ