मोक्षदा एकादशी के दिन जरूर पढ़े या सुने यह कथा

हर साल आने वाली मोक्षदा एकादशी इस साल भी आने वाली है। आप जानते ही होंगे मोक्षदा एकादशी पर प्रभु श्री कृष्ण, विष्णु, महर्षि वेद व्यास और श्रीमद् भागवत गीता की खास रूप से पूजा अर्चना की जाती है। कहते हैं इस व्रत को अगर पूरी श्रद्धा और निष्ठा से किया जाए तो मनुष्य के पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा इस व्रत को रखने वालों को हर तरह के कर्मों के बंधन से मुक्ति मिलती है। कहते हैं इस व्रत का इतना प्रभाव है कि इसको करने से मनुष्य के जीवन के सभी पाप भी नाश होते हैं। आपको बता दें कि इस साल यह व्रत 14 दिसंबर के दिन मंगलवार को है। तो आइए हम आपको बताते हैं इस व्रत की कथा।

मोक्षदा एकादशी की कथा- एक समय गोकुल नगर में वैखानस नामक राजा राज्य करता था। एक रोज राजा ने सपने में देखा कि उसके पिता नरक में हैं, और अपने पुत्र से उद्धार की गुहार लगा रहे हैं। पिता कि दशा देखकर राजा परेशान हो गया। अगले दिन राजा ने ब्राह्मणों को बुलाकर अपने सपने का भेद पूछा। तब ब्राह्मणों ने उनको बताया कि इस संबंध में पर्वत नामक मुनि के आश्रम पर जाकर अपने पिता के उद्धार का उपाय पूछो। राजा ने ऐसा ही किया। जब पर्वत मुनि ने राजा की बात सुनी तो वे चिंतित हो गए।

उन्होंने राजा से कहा कि पूर्वजन्मों के कर्मों की वजह से उनके पिता को नर्कवास प्राप्त हुआ है और उन्होंने मोक्षदा एकादशी के व्रत के बारे में बताया। उन्होंने राजा को बताया कि व्रत का फल अपने पिता को अर्पण करो, तो उनकी मुक्ति हो सकती है। राजा ने फिर मुनि के कथनानुसार ही मोक्षदा एकादशी का व्रत किया और ब्राह्मणों को भोजन आदि करवाया, जिससे राजा के पिता को मोक्ष की प्राप्ति हुई।

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