प्राइवेट कंपनियों के हाथ में जा सकता है रेलवे, मोदी सरकार कर रही विचार

नई दिल्ली: केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ट्रेन चलाने का जिम्मा निजी कंपनियों को सौंपने के बारे में विचार कर रही है. सूत्र बताते हैं कि अगर सब कुछ ठीक चला तो इसी वित्तीय सत्र में सरकार इस दिशा में कदम उठा लेगी. अमेरिका में वैगन और कंटेनर सेवाओं का मात्र 25 प्रतिशत ही रेल ऑपरेटर के पास है, बाकी का 75 प्रतिशत निजी कंपनियों के पास है. वहीं रूस में इन सेवाओं में सरकार की तरफ से कोई दखल नहीं है.

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रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ सदस्य ने शुक्रवार को मीडिया में बताया है कि रेलवे यात्री ट्रेनों और मालगाडिय़ों के परिचालन में निजी ऑपरेटरों को अनुमति देने की सोच रहा है. रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) गिरीश पिल्लई ने परिवहन अनुसंधान एवं प्रबंधन केंद्र (सीटीआरएम) की तरफ से आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में कहा है कि वरिष्ठ अधिकारी अभी इस मामले पर मंथन कर रहे हैं. पिल्लई ने कहा है कि, दुनियाभर में ट्रेनों के परिचालन में कई बदलाव किए गए हैं और मेरा मानना है कि यह ऐसा वक़्त है कि भारत को यात्री ट्रेनों के परिचालन में निजी ऑपरेटरों को अनुमति देने के विकल्प पर जरूर विचार करना चाहिए.

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उन्होंने कहा है कि, उन्हें किराया निर्धारित करने और टर्मिनल का निर्माण करने की अनुमति दी जा सकती है कि नहीं, इस पर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी और इस क्षेत्र के विशेषज्ञ अभी विचार कर रहे हैं. पिल्लई ने यह भी कहा है कि मालढुलाई के क्षेत्र को यात्री सेवाओं से पृथक करने की आवश्यकता है.  

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