मोदी सरकार ने देश के पिछड़े गांवों का कायाकल्प करने का उठाया बीड़ा

नई दिल्ली: विकास की दौड़ में पिछड़े और दलित बाहुल्य गांवों को संवारने के अभियान को सरकार अब और तेज करने वाली है. इस मुहिम में 2024-25 तक देश के करीब 27 हजार ऐसे गांवों के कायाकल्प की योजना है, जहां मौजूदा समय में दलितों की आबादी पांच सौ या इससे अधिक है. फिलहाल इसके तहत तेजी से काम शुरु हो चुका है. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि करीब दस हजार गांवों के विकास का खाका तैयार कर लिया गया है. वहीं  इनमें से सात हजार से ज्यादा गांवों के विकास के लिए पैसा भी जारी कर दिया गया है. इनमें से दो हजार से ज्यादा गांव अकेले उत्तर प्रदेश के है.

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने बनाई योजना, यूपी के 22 सौ से ज्यादा गांव शामिल: मिली जानकारी के अनुसार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के मुताबिक फिलहाल यह योजना यहीं नहीं रूकने वाली है, इसे दायरे में जल्द वह गांव भी आएंगे, जहां दलितों की आबादी पचास फीसद है. मौजूदा समय में देश भर में ऐसे गांवों की संख्या 46 हजार से ज्यादा है. इनमें उत्तर प्रदेश के करीब दस हजार गांव और पश्चिम बंगाल के 7928 गांव शामिल है.

पीएम आदर्श ग्राम योजना- बंगाल छोड़कर शेष राज्यों में दलित गांवों का होगा कायाकल्प: जंहा यह भी कहा जा रहा है कि हालांकि सरकार ने पीएम आदर्श ग्राम योजना के तहत वर्ष 2024-25 तक जिन 27 हजार गावों के कायाकल्प की योजना बनाई है, जंहा उससे पश्चिम बंगाल से खुद को अलग रखा है. ऐसे में पश्चिम बंगाल को छोड़कर देश के सभी राज्यों में दलित गांवों को संवारने के अभियान पर तेजी से काम चल रहा है.

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