अपने बयान से पलटे असम सरकार के मंत्री

गुवाहाटी। असम सरकार में मंत्री हिमंत बिस्व सरमा द्वारा युवाओं को कैंसर होने और उसे बुरे कर्मों की सजा के तौर पर जोड़कर बयानबाजी की गई थी लेकिन, जब उन्होंने अपने बयान पर उपजे विवाद को लेकर सफाई दी तो वे और मुश्किल में पड़ गए। दरअसल उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को लेकर टिप्पणी की और कहा कि, वे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की कुत्ते की पिडी की पसंद हैं।

गौरतलब है कि, उन्होंने शिक्षकों को लेकर आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में उपस्थितों को संबोधित किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि, जिन लोगों की दुर्घटना होती है या फिर, युवाओं को कैंसर होता है यह सब हमारे पापों का फल होता है। ये पाप पिछले जन्मों के भी हो सकते हैं और हमारे माता - पिता के भी हो सकते हैं।

इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने उनकी आलोचना की और ट्वीट किया था। बाद में मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने अपने बयान पर सफाई दी थी और कहा कि, उनके बयान को गलत अर्थ में न लिया जाए। उनका कहना था कि, हिंदुत्व कर्म के सिद्धांत को मानता है, पूर्व में किए जाने वाले कर्मों की सजा लोगों को जरूर मिलती है। कैंसर की बीमारी को लेकर जो बयान दिया गया है, उस पर सफाई देते हुए सरमा का कहना था कि, उन्होंने हिंदू दर्शन का उदाहरण दिया था। उनका कहना था कि, विज्ञान मानवीय मूल्यों और धर्म को बढ़ावा नहीं देता।

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