क्या चीन दे सकेगा अमेरिका को टक्कर ?

वाशिंगटन: विश्व में सबसे ज्यादा जनसंख्या फिलहाल चीन की है, इसके साथ ही चीन की सेना भी सबसे ताक़तवर सेनाओं में से एक गिनी जाती है अगर अर्थव्यवस्था की बात करें तो चीन विश्व में दूसरे नंबर पर आता है. और अब सभी पड़ोसी देशों से हाथ मिलाकर समुद्र से लेकर आकाश तक हर जगह अपना वर्चस्व स्थापित करने में जी जान से लगा हुआ है. साथ ही वो अपने रक्षातंत्र को भी दिन-प्रतिदिन मजबूत करता जा रहा है, पिछले 25 वर्षों में चीन अपने रक्षा बजट में 10 गुना इजाफा कर चुका है. थल सेना के मामले में चीन दुनिया में शीर्ष पर है.

एक आक्रामक विदेश नीति के साथ चीनी सेना ने पश्चिम देशों को भी आगाह कर दिया है. कई अमेरिकन नीति-निर्माता बीजिंग की सेना को वॉशिंगटन का करीबी प्रतिस्पर्धी मानते हैं. दूसरे शब्दों में, विश्लेषक चीन को दुनिया भर में इकलौता ऐसा देश मानते हैं जो यूएस मिलिट्री को टक्कर दे सकता है. वहीं अगर रक्षा बजट पर खर्च की बात करें तो यूएस, चीन से कहीं आगे है. वॉशिंगटन का 2014 में सैन्य खर्च (610 बिलियन डॉलर) था जो कि चीन की तुलना में (216 बिलियन डॉलर) करीब तीन गुना था. 2017 में भी सेना पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाले देशों में पहले नंबर पर अमेरिका और दूसरे पर चीन है, जबकि भारत बहुत पीछे है.

हालांकि, चीन के पास आवागमन की पर्याप्त सुविधा नहीं है, हेलीकॉप्टरों की कमी की वजह से चीनी सैनिक अधिकतर ट्रेन पर ही निर्भर हैं. जबकि यूएस के पास चीन की तुलना में बहुत बड़ी नेवी है जिसके पास 500 जहाज है. वहीं, चीन के पास 300 युद्धपोत हैं.अगर बात एयर फोर्स की करें तो चीन के पास (1500 जेट) दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी जेट फाइटर्स फ्लीट है जबकि अमेरिका 2800 जेट के साथ पहले स्थान पर है. चीनी मिलिटरी से जुड़ी ये सारी प्रगति ग्लोबल सुपर पावर अमेरिका को चुनौती के रूप में देखा जा रहा है. 

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