अलगाववादियों से नरम रुख अपना रही मुफ्ती सरकार

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा सहकर्मी पुलिसकर्मियों की नृशंस हत्या से राज्य के पुलिस जवानों में जबरदस्त आक्रोश है. पुलिसकर्मी यह मानते हैं कि अलगाववादियों के खिलाफ मुफ़्ती सरकार नरम नीति अपना रही है. बता दें कि कश्मीर में कल शुक्रवार को दो अलग-अलग अंतिम संस्कार के दृश्यों ने वहां के गंभीर हालातों को बयां कर दिया. लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जुनैद मट्टू के अंतिम संस्कार में शनिवार को सैकड़ों लोग पाकिस्तान का झंडा लेकर शामिल हुए. उसे खुदवानी गांव में दफनाया गया. उसके जनाजे में शामिल कई हथियारबंद आतंकवादियों ने बंदूक की गोलियां दागीं, जबकि दूसरी ओर मट्टू के गांव से सिर्फ 22 किलोमीटर दूर पुलवामा जिले के अवंतीपुरा में 26 वर्षीय एसएचओ फिरोज डार का अंतिम संस्कार सामान्य ढंग से हुआ.

डार के साथ मारे गए पुलिसकर्मी सबजार अहमद का शोपियां के नौगांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया. 25 साल के अबजार की छह सप्ताह पहले ही शादी हुई थी. पुलिसकर्मियों के शहीद होने पर एक ओर जहां शोक की लहर है तो वहीं दूसरी ओर गुस्सा भी है.

इस बारे में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि महबूबा सरकार ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि आतंकवादियों से मुकाबला करते समय अधिक संयम से काम लें. गुस्साए पुलिस अधिकारी ने कहा कि पीडीपी सरकार जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों की 2014 के चुनाव में जीत के लिए एहसानमंद है. इसलिए सरकार अलगाववादियों को लेकर नरम है. यही अलगाववादी पुलिस के खिलाफ लोगों को भड़काते हैं.

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