इस गांव में नहीं हो रही थी शादियां, जानिए क्या हैं वजह

जाजमऊ. यहां के प्योंदी गांव के आसपास मवेशियों के चमड़े की छीलन से खाद बनाने वाली कई भट्ठियां चल रहीं हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इन भट्ठियों में रोज बड़े पैमाने पर जानवरों के चमड़े की छीलन डाली जाती है. इसकी दुर्गंध से जीना मुहाल है. यहीं नहीं इन भट्ठियों से निकलने वाला जहरीला धुआं ग्रामीणों को दमा समेत कई बीमारियों का शिकार बना रहा है.

इसलिए परेशान गांव वालो ने रविवार को इन भट्ठियों पर धावा बोल दिया. ग्रामीणों ने यहां लगी टीनें उखाड़ दीं. इसके बाद भट्ठियों पर चढ़कर युवाओं ने नारेबाजी शुरू कर दी. हंगामे के दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद थीं.

इतना ही नहीं गांव वालों ने चेतावनी दी कि यदि ये भट्टियां नहीं हटाईं गई तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे. गांव वालों का कहना था कि खाद भट्ठियों से निकलने वाले जहरीले धुएं और दुर्गंध के कारण प्योंदी गांव और आसपास के गांवों में लोग शादी करने से मना कर रहे हैं.  कई बार इन भट्ठियों को हटाने की मांग की गई लेकिन सुनवाई नहीं हुई.

ग्रामीणों का कहना है कि चमड़े के कारण भट्टियों के आसपास की जमीन पूरी तरह से बंजर हो रही है. इस पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. यहीं नहीं भट्टी की गंदगी के कारण यहां का पानी भी काफी दूषित हो चुका है.  इन भट्ठियों को हटवाने के लिए प्रशासन और सरकार से कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. बरसों पहले से धधक रहीं ये भट्ठियां आज भी वैसे ही धधक रहीं हैं.

 

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