आर्थिक और पारिवारिक समस्याओं से पाना चाहते है छुटकारा तो कल जरूर अपनाएं ये उपाय

वर्ष की सबसे बड़ी शिवरात्रि मतलब महाशिवरात्रि कल यानी 11 मार्च को है। प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। ये दिन शिव जी तथा माता पार्वती को समर्पित है। प्रथा है कि इसी दिन शिव जी तथा माता पार्वती की भी शादी हुई थी। महादेव के भक्त महाशिवरात्रि के दिन उपवास रखकर उनका विधि विधान से पूजन करते हैं तथा रात में जागरण करके शिव जी तथा माता पार्वती के विवाह का जश्न मनाते हैं। महाशिवरात्रि की रात में महादेव के भक्त ईश्वर का ध्यान तथा भजन करते हैं। कहा जाता है कि इस दिन सच्चे मन से शिव जी की पूजा अर्चना की जाए तो वे अतिशीघ्र खुश होते हैं तथा भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। यदि आपके जीवन में लंबे वक़्त से समस्यां चल रही हैं तो महाशिवरात्रि के दिन कुछ उपाय करके आप उन समस्याओं से निजात पा सकते हैं।

आर्थिक संकट दूर करने के लिए: काफी वक़्त से परिवार में आर्थिक समस्यां झेल रहे हैं तो ‘ऊँ शं शिवाय शं ऊँ नमः’ मंत्र का कम से कम 21 बार जाप करें। आप चाहें तो पांच, सात, 11 अथवा 21 मालाएं भी कर सकते हैं। किन्तु जाप रुद्राक्ष की माला से ही करें। इसके अतिरिक्त बेलफल से हवन करें।

वैवाहिक जीवन मेंं खुशियां लाने के लिए: यदि आपके वैवाहिक जीवन में किसी प्रकार की समस्या है तो महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाएं तथा बेल के तने पर थोड़ा-सा घी चढ़ाएं। इसके अतिरिक्त ‘ऊँ शिवाय नमः ऊँ’ मंत्र का कम से कम 51 बार जाप करें।

बेहतर जीवनसाथी के लिए: यदि आपको बेहतर जीवनसाथी की खोज है तो महाशिवरात्रि से उचित कोई दिन नहीं। ये दिन माता पार्वती तथा शिवजी के मिलन का दिन है। इस दिन माता पार्वती तथा शिव जी दोनों की विधि विधान से पूजा करें। माता के समक्ष नारियल भेंट करें। इसके पश्चात् ‘निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाश वासं भजेऽहं’ मंत्र का 11 अथवा 21 बार जाप करें तथा ईश्वर से बेहतर जीवनसाथी के लिए कामना करें।

विशेष कार्य सिद्धि के लिए: यदि आप लंबे वक़्त से किसी काम के लिए कोशिश कर रहे हैं तथा कामयाबी प्राप्त नहीं हो पा रही है तो शिवरात्रि के पावन मौके पर महादेव की विधिवत पूजा के साथ तिल से हवन करें तथा बेल के वृक्ष का पूजन करें। ‘ऊँ शं शंकराय भवोद्भवाय शं ऊँ नमः’ मंत्र का जाप करें।

ऑफिस में बेहतर परफॉरमेंस के लिए: यदि दफ्तर में मेहनत के बड़ा भी आपको नतीजा नहीं प्राप्त हो पा रहे हैं तो आप महाशिवरात्रि के दिन बालू, राख, गोबर, गुड़ तथा मक्खन मिलाकर एक छोटा-सा शिवलिंग बनाएं एवं इसका विधि विधान से पूजन करें। इस के चलते महादेव के इस मंत्र का जाप करें- ‘नमामिशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं’। पूजा के पश्चात् सभी चीजों को उस दिन उसी जगह पर रहने दें। अगले दिन नदी में प्रवाहित कर दें।

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