नवरात्रि: आज इस आरती, कवच और स्त्रोत से करें माँ कालरात्रि को खुश

नवरात्रि का पर्व चल रहा है और आज नवरात्रि का सांतवा दिन है। जी हाँ और नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। कहा जाता है मां कालरात्रि का शरीर अंधकार की तरह काला है, बाल लंबे और बिखरे हैं और गले में बिजली की तरह चमकती माला। इसी के साथ मां के चार हाथ हैं और मां के हाथों में खड्ग, लौह शस्त्र, वरमुद्रा और अभय मुद्रा है। अब आज हम आपको बताते हैं मां कालरात्रि की आरती जिससे आप माता रानी को खुश कर सकते हैं इसके अलावा माँ कालरात्रि का कवच, स्तोत्र पाठ।

मां कालरात्रि की आरती कालरात्रि जय जय महाकाली काल के मुंह से बचाने वाली दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा महा चंडी तेरा अवतारा पृथ्वी और आकाश पर सारा महाकाली है तेरा पसारा खंडा खप्पर रखने वाली दुष्टों का लहू चखने वाली कलकत्ता स्थान तुम्हारा सब जगह देखूं तेरा नजारा सभी देवता सब नर नारी गावे स्तुति सभी तुम्हारी रक्तदंता और अन्नपूर्णा कृपा करे तो कोई भी दु:ख ना ना कोई चिंता रहे ना बीमारी ना कोई गम ना संकट भारी उस पर कभी कष्ट ना आवे महाकाली मां जिसे बचावे तू भी 'भक्त' प्रेम से कह कालरात्रि मां तेरी जय

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देवी कालरात्रि के कवच ऊँ क्लीं मे हृदयं पातु पादौ श्रीकालरात्रि। ललाटे सततं पातु तुष्टग्रह निवारिणी॥

रसनां पातु कौमारी, भैरवी चक्षुषोर्भम। कटौ पृष्ठे महेशानी, कर्णोशंकरभामिनी॥

वर्जितानी तु स्थानाभि यानि च कवचेन हि। तानि सर्वाणि मे देवीसततंपातु स्तम्भिनी॥

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देवी कालरात्रि के स्तोत्र पाठ हीं कालरात्रि श्री कराली च क्लीं कल्याणी कलावती। कालमाता कलिदर्पध्नी कमदीश कुपान्विता॥

कामबीजजपान्दा कमबीजस्वरूपिणी। कुमतिघ्नी कुलीनर्तिनाशिनी कुल कामिनी॥

क्लीं हीं श्रीं मन्त्र्वर्णेन कालकण्टकघातिनी। कृपामयी कृपाधारा कृपापारा कृपागमा॥

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