सांसदों ने एक आवाज़ में कहा No, लोकसभा अध्यक्ष को वापस लेना पड़ा प्रस्ताव

नई दिल्ली: संसद में आम तौर पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच सहमति बड़ी मुश्किल से ही बन पाती है, किन्तु जब मामला छुट्टी से संबंधित हो, तो पूरा सदन एकमत दिखाई देता है. लोकसभा में गुरुवार को ऐसा ही दृश्य देखने को मिला, जब अध्यक्ष ओम बिड़ला के प्रस्ताव को सदन ने एक आवाज़ में खारिज कर दिया. इसके बाद लोकसभा स्पीकर को अपना प्रस्ताव वापस लेना पड़ा.

दरअसल, लोकसभा अध्यक्ष ने सांसदों से अपील करते हुए कहा था कि सदन की कार्यवाही बीते कुछ दिनों से बाधित रही है और ऐसे में शनिवार-रविवार को लंबित पड़ी छह अनुदान मांगों पर विचार-विमर्श करवा लिया जाए. अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि यदि सदन की इजाजत हो तो रविवार और शनिवार के अवकाश को ख़ारिज कर अनुदान मांगों पर चर्चा कराई जा सकती है. इतना कहते ही सदन में मौजूद तमाम सांसदों ने एक सुर में नो (नहीं) की आवाज लगा दी.

इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की राय जानना चाही, जिनपर सदन की कार्यवाही और सरकार का कामकाज चलाने का जिम्मा है. मेघवाल ने सांसदों की नो सुनने के बाद कहा कि सदस्यों ने अपनी राय जाहिर कर दी है और उन्हें अब कुछ नहीं कहना. हालांकि स्पीकर ने सांसदों को सलाह देते हुए कहा कि अब कोई लंच ब्रेक नहीं होगा, इसके साथ ही गुरुवार और शुक्रवार को देर रात तक अनुदान मांगों पर विचार-विमर्श चलेगा.

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