जानिये वैधव्य विष कन्या योग

तिथि - 2, नक्षत्र- अश्लेषा, वार-शनिवार या रविवार तिथि - 7, नक्षत्र कृतिका, वार-शनिवार तिथि-7 या 12 नक्षत्र-शतभिषा, वार-मंगलवार तिथि 12   नक्षत्र- विशाखा, वार-रविवार चूल्ही चक्र - सूर्य नक्षत्र से 6 नक्षत्र पीठ के सुखप्रद 4 मस्तक के मृत्युपद 8 बाहु के सुखप्रद, सुंदर शोभा प्राप्ति 5 गर्भ के नाशक 2 चरण के नाशक शुभ नक्षत्र में चूल्हा बनाने और अग्नि जलाना प्रारंभ किया जा सकता है। वार-बुधवार, गुरूवार और शुक्रवार शुभ माने गये है।

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