बोफोर्स मामले में संसदीय उप समिति ने लगाए आरोप

नई दिल्ली:  एक संसदीय समिति ने बोफोर्स सौदे में हॉविट्जर तोप की खरीद से सम्बंधित मसलों से सीबीआई को राजनीतिक हस्तक्षेप से दूर रहने की सलाह दी है, 27 साल तक इस मामले का गहन अध्ययन करने वाली संसदीय समिति ने सीबीआई को इस मामले में सतर्कता बरतने के लिए कहा है. हालांकि, बीजेडी सांसद भतृहरि महताब की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (पीएसी) की सब कमेटी (संसदीय उप समिति) ने बोफोर्स पर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया,  जिसे अगले सत्र में संसद में पेश किया जाएगा.

सूत्रों के मुताबिक कमिटी ने आरोप लगाया है कि बोफोर्स मामले से जुड़े तमाम रिकॉर्ड रखने में कोताही बरती गई है, उन्होंने कहा कि दस्तावेज़ मांगने पर हमेशा यही कहा गया कि मामला अदालत में है, लेकिन दस्तावेज़ नहीं दिए गए.  पूरे सिस्टम ने ढिलाई बरती और राजनीतिक ड्रामेबाजी ही चलती रही.

पीएसी ने इस बात पर भी दुख जताया कि पूरे घटनाक्रम में जांच से जुड़ी संस्थाओं और लोगों ने समझौते किए. कमेटी ने कहा कि जांच से जुड़ी ऐसी तमाम संस्थाओं को राजनीति से बाहर निकलकर अपनी जिम्मेदारी बेहतर तरीके से संभालनी चाहिए. कमेटी ने पाया कि सरकार के तमाम अंगों के बीच तालमेल की कमी थी. पीएसी सब कमेटी ने भले ही रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया हो लेकिन पीएसी की मुख्य कमेटी के अध्यक्ष लोकसभा में कांग्रेस के संसदीय दल के नेता मालिकाअर्जुन खड़गे हैं. अब देखना है कि वो पीएसी के अध्यक्ष के नाते बोफ़ोर्स मामले पर सब कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकार करते हैं या नहीं.  

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