राजस्थान सरकार के प्रयास से लाखों मजदूर अपने घर पहुंच पाए हैं लाखों प्रवासी अपने घर पहुंचे , अन्य राज्यों से राजस्थान पहुंचने के लिए एक मिलियन से ज्यादा ने कराया पंजीकरण

जयपुर, 9 मई 2020 : कोविद19 ने पूरी दुनिया में आवाजाही को पिछले कुछ महीनों से अपंग कर दिया है। जिस कारण लाखों प्रवासी मजदूर देश के कई हिस्सों में फंस गए थे। शुरुआत में उन पर किसी का ध्यान नहीं गया जिस कारण उनमें से हजारों लोग अपने गाँव तक पहुँचने के लिए मीलों का सफर पैदल पूरा करने के लिए निकल गए थे। जिसके परिणामस्वरूप पूरे भारत में कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई।

शुरुआती दौर में बसों को  चलाया गया परंतु बाद में देश भर में ट्रेनों की आवाजी शुरू करने मांग की गई। अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार ने इन प्रवासी मजदूरों की परिवहन प्रक्रिया को आसान बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। जैसे ही रेलवे परिवहन की अनुमति प्राप्त हुई, राजस्थान सरकार ने मजदूरों के साथ-साथ कोटा में फंसे छात्रों को भी बाहर निकालना शुरू कर दिया, जिसे भारत का शिक्षा केंद्र भी कहा जाता है।   अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के नेतृत्व में पैनल  इस आवाजी पर नजर रख रहा है और फंसे हुए मजदूरों की आसान यात्रा सुनिश्चित करने के लिए अन्य राज्यों के साथ लगातार संपर्क में है। 

“हम अपने मजदूरों को वापिस लानेे व भेजने के लिए अन्य राज्यों के साथ संपर्क में हैं। यह वह समय है जब हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर नागरिक को खाना मिले  और बिना किसी परेशानी के वह अपने घर पहुँचे। हम इस आवाजाही की निगरानी कर रहे हैं और हर दिन इस काम के लिए चलाई गई  बचाव रेलगाड़ियां मजदूरों को स्थानांतरित कर रही हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व्यक्तिगत रूप से इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए हैं और उन्होंने सख्ती से निर्देशित किया है कि कोइ भूखा नहीं सोयेगा (किसी को भी भूखा नहीं सोना चाहिए)।’’सुबोध अग्रवाल, एसीएस ने कहा।

अब तक, लगभग 96,000 प्रवासी मजदूरों को कई घरेलू राज्यों में ले जाया जा चुका है और यात्रा के लिए दैनिक ट्रेनों को तैनात किया गया है। अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार द्वारा भोजन, मास्क, सैनिटाइजर की सुविधाओं के साथ मजदूरों के परिवहन पर ध्यान दिया जा रहा है। यह यात्राएं सख्त निगरानी में की जा रही है और सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। विशेष रेलवे स्टेशनों पर सभी यात्रियों की जांच मेडिकल टीमों द्वारा की जा रही है।   The state-wise transfer of labourers is as follows:

Sent to Gujarat: 4,292                 Came from Gujarat: 2,12,006 Sent to MP: 37,442                      Came from MP: 17,233 Sent to Punjab: 7,774                  Came from Punjab: 1,128 Sent to Haryana: 5,580                Came from Haryana 3,713 Sent to UP: 27,469                       Came from UP: 5,614 Sent to Uttarakhand: 1,589          Came from Uttarakhand: 1,132 Sent to WB: 677                           Came from WB: 863 Sent to Bihar: 5,942                     Came from Bihar: 398 Sent to Maharashtra: 554            Came from Maharashtra: 36,814 Sent to Odisha: 79                        Came from Odisha: 272

सरकार को परिवहन की अनुमति मिलने के बाद विशेष रूप से 8,12,423 मजदूरों ने रेलगाड़ियों से यात्रा करने और अपने गृह राज्यों तक पहुँचने के लिए पंजीकरण कराया है। दूसरी ओर 10,64,417 मजदूरों ने भारत  के अलग-अलग हिस्सों से राजस्थान पहुंचने के लिए पंजीकरण कराया है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव और  मजदूरों और छात्रों के परिवहन की देखभाल  के लिए गठित समिति के प्रमुख  सुबोध अग्रवाल ने कहा कि-

“आने वाले दिनों में, लाखों मजदूरों को उनके घरेलू राज्यों में भेजा जाएगा और इतने ही लोगों को राजस्थान वापस भी लाया जाएगा। हम आशा करते हैं कि यह सारी आवाजाही बिना किसी  परेशानी के पूरी जाएगी,जैसी कि हमने योजना बनाई है। औरंगाबाद में एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद, हमने इन फंसे हुए मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं।” 

 राजस्थान सरकार ने कई प्रक्रियाओं के माध्यम से  फंसे हुए  लोगों का पंजीकरण शुरू किया है ताकि उनको राजस्थान (इनवर्ड/ आउटवर्ड) वापिस लाया जा सकें या  उनके राज्य भेजा जा सकें। इस  पंजीकरण का काम ई-मित्र के माध्यम से हो रहा है जहां ऐसे लोग अपने माइग्रेशन या प्रवासन के लिए अनुरोध दायर कर सकते हैं।

कोई भी फंसा हुआ नागरिक अपने दस्तावेजों के साथ सभी प्रासंगिक विवरण प्रदान करके ई-मित्र पोर्टल पर पंजीकरण कर सकता हैं या +181/18001806127 का उपयोग करके भी पंजीकरण कर सकते हैं।

इस प्रक्रिया में अगला कदम डीएम द्वारा ई-पास / ई-एनओसी की सिफारिश होगी। जैसे ही अनुरोध प्रस्तुत किया जाएगा या पंजीकरण किया जाएगा, यह अपने आप व्यवस्थित रूप से जिला मजिस्ट्रेट के राजएसएसओ-एचई- मित्र ( RajSSO-he-Mitra portal ) पोर्टल पर आ जाएगा। जिसके बाद  प्रवासियों को ई-एनओसी (इनवर्ड) /ई-पास (आउटवर्ड) जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 

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