जानिए आरएसएस की चुनाव प्रणाली

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की हर तीन साल बाद होने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा नागपुर में चल रही है. इसमें सबसे अहम घोषणा उसके सरकार्यवाह (महामंत्री) के नाम की होनी है. सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी स्वास्थ का हवाला देते हुए पद छोड़ने की पेशकश कर चुके है ऐसे में उनकी जगह दत्तात्रेय होसबोले को ये कार्यभार दिया जाना लगभग तय है. कर्नाटक के मूल निवासी दत्तात्रेय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लंबे समय तक प्रभारी रहे. 63 वर्षीय दत्तात्रेय संघ के युवा कार्यकर्ताओं में बेहद लोकप्रिय हैं. उनकी खास पहचान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी निकटता भी है. यूपी में भाजपा की अभूतपूर्व जीत और योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनवाने तक में दत्ता की अहम भूमिका थी. उनके आलावा आज मनमोहन वैद्य को सहसरकार्यवाह नियुक्त किया जा सकता है. भाजपा के संगठन मंत्री रामलाल को संघ में वापस लिया जा सकता है और उनकी जगह विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री सुनील अंबेकर को भाजपा का संगठन मंत्री बनाए जाने की संभावना है.

जानिए आरएसएस की चुनाव प्रणाली और कार्यविधि के बारे में संघ में शीर्ष पद सरसंघचालक (अध्यक्ष) का होता है और इस पद पर पिछले काफी समय से मोहन भागवत हैं और उनकी भूमिका संगठन को दिशानिर्देश देना है.

सरकार्यवाह सहयोगी संगठनों से तालमेल से लेकर महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियां करने जैसे रोजमर्रा के फैसले लेते हैं. उनका कार्यकाल तीन साल का होता है, जिसे प्रतिनिधि सभा जितनी बार चाहे बढ़ा सकती है. सत्तर साल के भैयाजी लगातार तीन बार से सरकार्यवाह हैं.

आरएसएस की चुनाव प्रक्रिया  चुनाव प्रक्रिया में वर्तमान सरकार्यवाह अपने कार्यकाल के पूरा होने की घोषणा करेंगे और नए चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने का अनुरोध करेंगे. चुनाव प्रकिया शुरू करने के आग्रह के बाद मंच से नीचे उतर जाएंगे. इसके बाद सबसे वरिष्ठ सह सरकार्यवाह के चुनाव के लिए चुनाव अधिकारी की घोषणा करेंगे जो नए सरकार्यवाह के लिए नाम मांगेंगे. केंद्रीय प्रतिनिधियों के इस चुनाव में केंद्रीय प्रतिनिधि ही वोटर होते हैं,आम तौर पर सरकार्यवाह का चुनाव सर्व सम्मति से होता है. नए सरकार्यवाह का नाम चुनाव अधिकारी बताते हैं और सभी लोग ॐ उच्चारण के साथ हाथ उठाकर नए सरकार्यवाह का चुनाव सम्पन्न कराते हैं. अगले दिन सरसंघचालक और सरकार्यवाह अपनी कार्यकारणी का ऐलान किया जाता है. ये बैठक तीन साल में एक बार होती है.  

आरएसएस के नए सरकार्यवाह के नाम का एलान आज

आरएसएस की महत्वपूर्ण बैठक में नए नेतृत्व पर फैसला संभव

 

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