क्रिकेटर में दहशत का दूसरा नाम 'यो-यो टेस्ट' ,आखिर है क्या ये?

क्रिकेट की दुनिया में इन दिनों यो-यो टेस्ट की बड़ी चर्चा है. भारत सहित दुनिया भर के टीम प्रभंधन इसे अपना चुके है और इस पर समर्थन और विरोध की प्रतिक्रियाएं जारी है. हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर जाने से पहले टीम इंडिया का यो-यो टेस्ट हुआ, जिसमें संजू सैमसन, अंबाती रायडू और मोहम्मद शमी जैसे खिलाड़ी नाकामयाब हुए.

तो जानिए आखिर क्या बला है ये  यो-यो टेस्ट.  -एक फिटनेस टेस्ट होता है जिसमें खिलाड़ियों को 20 मीटर के अंदर तेजी से स्प्रिंट लगाकर 25 में से 16.1 अंक हासिल करने होते हैं.  -20-20 मीटर की दूरी पर दो लाइनें बनाकर कोन रख दिए जाते हैं - एक छोर की लाइन पर खिलाड़ी का पैर पीछे की ओर होता है और वह दूसरी की तरफ वह दौड़ना शुरू करता है - हर मिनट के बाद गति और बढ़ानी होती है और अगर खिलाड़ी वक्त पर लाइन तक नहीं पहुंच पाता तो उसे दो बीप्स के भीतर लाइन तक पहुंचना होता है - अगर वह ऐसा करने में नाकाम रहा तो उसे फेल माना जाता है - दुनिया की दूसरी टॉप टीमों के यो-यो टेस्ट पास करना बेहद ही मुश्किल है. 

-इन टीमों के यो यो टेस्ट को पास करना विराट कोहली और धोनी जैसे खिलाड़ियों के भी आसान नहीं  -क्रिकेट की दुनिया में सबसे मुश्किल यो-यो टेस्ट न्यूजीलैंड का है. न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों इस टेस्ट में कम से कम 20.1 प्वाइंट हासिल करने होते हैं. -विंडीज टीम के खिलाड़ियों को इस टेस्ट में कम से कम 19 प्वाइंट हासिल करने होते हैं. -वही ऑस्ट्रेलियाई टीम के यो यो टेस्ट में भी पास होने के लिए 19 अंक लाने जरूरी होते हैं. -पाकिस्तान टीम के खिलाड़ियों को इस टेस्ट में कम से कम 17.4 अंक हासिल करने होते हैं.

रोहित ने पास किया यो-यो..

रोहित की जगह रहाणे..!

धोनी कोहली ने दिया फिटनेस टेस्ट

यो-यो टेस्ट में टीम से बाहर हुआ यह बड़ा नाम

 

 

 

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