उज्जैन: कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और मध्‍य प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री दिग्विजय सिंह ने हाल ही में एक बयान दिया है। जी दरअसल उनका कहना है कि, 'गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा भाजपा की सुनियोजित साजिश है। आंदोलन कर रहे किसान उग्र नहीं हुए थे, बल्कि पुलिस उग्र हुई थी।' जी दरअसल बीते कल ही वह महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आये थे। इस दौरान दर्शन करने के बाद उन्होंने पत्रकारों से चर्चा की। उन्होंने कहा, 'गाजीपुर बार्डर पर इसलिए दिक्कत हुई क्योंकि दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के लिए जो रूट दिया था, वह बदल दिया। वहां बैरिकेड्स लगा दिए गए। किसानों ने खोलने की बात कही तो पुलिस ने लाठिया भांजी, आंसू गैस के गोले दागे। दो माह से जो लोग शांतिपूर्ण सत्याग्रह कर रहे हैं, वे हिंसक हो नहीं सकते।' इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि, 'हिंसा के पीछे जिन संदिग्ध लोगों को चिह्नित किया गया है, उनके नाम सरकार को सार्वजनिक करना चाहिए। किसानों ने 15 लोगों को पकड़कर दिल्ली पुलिस को दिया है। उनके पास सरकारी मुलाजिम होने का पहचान पत्र मिला है। यह आंदोलन को गलत रास्ते पर दिखाने का षड्यंत्र था। लाल किले पर खालसा पंथ का झंडा नहीं था, पहले तिरंगा झंडा था उसके नीचे किसान यूनियन और खालसा का झंडा था।' वहीं उनके अलावा कांग्रेस के प्रवक्‍ता रणदीप सिंह सुरजेवाला का कहना है, 'दिल्ली में उपद्रव को रोकने में असफल रही दिल्ली पुलिस उन उपद्रवियों पर मुकदमा दर्ज़ करने की बजाय संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं पर मुकदमा दर्ज़ कर भाजपा सरकार की साजिश को साबित करती है। यह किसान संगठनों और उनके आंदोलन को बदनाम करने की साजिश थी। यदि वे उनकी योजना के बारे में अच्छी तरह से जानते थे, तो उन्हें लाल किले में प्रवेश करने की अनुमति क्‍यों दी गई।' उद्धव ठाकरे ने की मुंबई को भी केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग भिवंडी के एक गोदाम में लगी भीषण आग, अग्निशमन अभियान जारी आज है पूर्णिमा तिथि, यहाँ जानिए शुभ-अशुभ मुहूर्त