केरल बाढ़: इस तकनीक से लाशों को खोजेंगे विशेषज्ञ

तिरुवनंतपुरमः देश का सबसे सुदुर दक्षिणी राज्य केरल इन दिनों भारी बारिश के कारण बाढ़ को दंश झेल रहा है। इस प्राकृतिक आपदा में राज्य को जानमाल की काफी क्षति हुई है। अब तक आधिकारिक जानकारी के अनुसार, राज्य में 116 लोगों की जान जा चुकी है। विशेषज्ञ इस भीषण बाढ़ में शवों को खोजने के लिए रडार तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। मलप्पुरम के कवालप्पारा और वायनाड के पुथुमला में शवों का पता लगाने के लिए ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) का उपयोग किया जा रहा है।

जीपीआर से भेजे गए संकेत सतह के नीचे की स्थिति की जानकारी उपलब्ध कराते हैं। हैदराबाद से विशेषज्ञों की एक टीम ने जीपीआर की मदद से दो गांव में तलाशी अभियान शुरू किया है। इसका उद्देश्य मिट्टी के नीचे दबी लाशों का पता लगाना है। सरकार की ओर से जारी राज्यव्यापी आपदा रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून की दूसरी अवधि में आठ अगस्त से हो रही बारिश में 116 लोग जान गंवा चुके हैं और 83,043 लोग 519 राहत शिविरों में रह रहे हैं।

ताजा जानकारी के अनुसार मलप्पुरम में अब तक 53 लोगों की, वायनाड में 12 और कोझिकोड में 17 लोगों की जान जा चुकी है। साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि मॉनसून में 1,204 घर पूरी तरह बर्बाद हो गए। उधर इंजीनियरों ने बाढ़ पीड़ितों को फोन चार्जिंग में मदद के लिए पावरबैंक बांटे। ताकि लोग बिजली की अनुपस्थिति में फोन को चार्ज रख सकें। 

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