अपने विचारों को रखें सकारात्मक

प्रत्येक मानव के जीवन में कर्म की बेहद महत्वता होती है, आपके जीवन कर्म का स्वरूप क्या है? इसे जान लेना बहुत ही जरूरी होता है. इसके बाद ही सारी कामनाओं और संकल्पों को लेकर आगे बढ़ना चाहिए, और इन्ही कामनाओं और संकल्पों के लिए मन की शुद्धता बेहद जरूरी है. क्योंकि विचार में परिवर्तन होने से ही मनुष्य में परिवर्तन हो जाता है, विचारों के अनुसार ही वह वैसा करने लगता है. इन सभी स्थितियों को ध्यान में रखने वाले का व्यक्तित्व बदलने लगता है. व्यक्तित्व बदलने से ही समाज और राष्ट्र में भी परिवर्तन आता है.

अच्छे कर्मों को करके ही हम आगे बढ़ सकते है -

हम बदलेगें तो समाज बदलेगा, इससे ही राष्ट्र की उन्नति होगी. आप देखते और सुनते ही होंगे की पुरे विश्व में कहीं न कहीं युद्ध, लड़ाइयाँ, आपसी झगड़ा खड़ा होता ही रहता है. आज के इस दौर में राष्ट्रीय नेताओं व धार्मिक नेताओं के विचारों में कोई सामंजस्य नहीं रह गया है. आज का मानव कहां भाग रहा है, उसे स्वयं पता नहीं. वह क्या अच्छा, क्या बुरा कर रहा है इस बात की कोई फिक्र नहीं. लोगों में आपसी प्रेम व भाईचारा कभी-कभी घृणा में बदलता नजर आता है. अपने आप से परेशान आज का मानव शांति की तलाश में इधर-उधर भटक रहा है. इन सभी का कारण मन में अशांति, विचारों में खोट ही उसे जीवन में परेशान करते है .

क्यों आ रही है मानसिक अशांति -

मनुष्य की बढ़ती हुई कामनाएं, महत्वाकांक्षाएं, उसे अशांति की ओर ले जा रही हैं. बाहरी दुनिया की चकाचौंध के सामने वह अपने अस्तित्व को भूल बैठा है, आज का व्यक्ति दिखावे में रहता है दूसरों को  देख -देख परेशान सा रहता है. इन सभी बातों को जिसने त्यागा और अपने कर्तव्य पथ को लेकर आगे बढ़ा वही सफल और शांति भरा जीवन प्राप्त किया है.

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