कार्तिक महीने में आते हैं दिवाली, छठ, भैया दूज और धनतेरस, जानिए शुभ तिथि

हिंदू कैलेंडर में हिंदू धर्म के कई त्योहारों का जिक्र होता है. ऐसे में इसमें कार्तिक मास का अपना ख़ास महत्व माना जाता है और हर कोई जानना चाहता है कि कार्तिक मास कब से शुरू हो रहा है और कार्तिक मास का महत्व क्या है. जी दरअसल कार्तिक मास 14 अक्टूबर सोमवार से शुरू हो रहा है और 12 नवंबर को खत्म हो रहा है और इस महीने में भगवान विष्णु, शिव और कार्किकेय और तुलसी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकमानाएं पूरी होती है. आपको आज हम बताने जा रहे हैं कार्तिक महीने के दौरान पड़ने वाले त्यौहार.

कार्तिक महीने का महत्व - कहते हैं कार्तिक महीना एक अलग ही महत्व रखता है. जी दरसल इस महीने में भगवान विष्णु और राधा-दामोदर की पूजा करना कल्याणकारी माना जाता है। इसी के साथ कार्तिक महीने को रोगापह अर्थात् रोगविनाशक कहा गया है और सद्बुद्धि प्रदान करने वाला, लक्ष्मी का साधक तथा मुक्ति प्राप्त कराने में सहायक बताया गया है। ऐसे में आपको बता दें कि कार्तिक मास में तुलसी की पूजा की जाती है और इसी के साथ आयुर्वेद में तुलसी को रोगहर कहा गया है. कहा जाता है यह यमदूतों के भय से मुक्ति प्रदान करती है और ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास में स्नान करें और हविष्य ( जौ, गेहूँ, मूँग, तथा दूध-दही और घी आदि) का एकबार भोजन करें, तो सब पाप दूर हो जाते हैं.

 

शुभ तिथि- त्योहार का नाम  14 अक्टूबर- कार्तिक माह/मास आरंभ 17 अक्टूबर - करवा चौथ व्रत, तुला संक्रांति, रोहिणी व्रत 21 अक्टूबर- अहोई अष्टमी व्रत, राधाष्टमी, कालाष्टमी 24 अक्टूबर- रमा एकादशी व्रत 25 अक्टूबर- प्रदोष व्रत, गोवत्स द्वादशी, धनतरेस, यम दीपम 26 अक्टूबर- नरक चतुर्दशी, मासिक शिवरात्रि व्रत, हनुमान जन्म लग्न पूजा 27 अक्टूबर- दीपावली, लक्ष्मी पूजा, दीपमालिका, चोपड़ा पूजा, कमला जयंती, दर्श अमावस्या 28 अक्टूबर- कार्तिक अमावस्या, सोमवती अमावस्या, अन्नकूट, गोवर्धन पूजा,  29 अक्टूबर- भैया दूज, यम द्वितीया, चित्रगुप्त पूजा, चंद्र दर्शन 31 अक्टूबर- सूर्यष्ठी (छठ) व्रत आरंभ, नाग चतुर्थी, नहाय खाय

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