कर्नाटक सरकार ने नौकरशाहों की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर लगाई रोक, जानिए क्यों?

विधानसभा में IAS कर्मियों पर मार्मिक मौखिक हमले के उपरांत, कर्नाटक सरकार ने एक परिपत्र जारी कर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने और नौकरशाहों द्वारा बयान जारी करने पर प्रतिबंध जारी कर दिया है। शनिवार को आदेश जारी कर दिया गया। सरकार के इस कदम ने IAS अधिकारियों को परेशान कर रहे है और यह देखना बाकी है कि IAS ऑफिसर्स एसोसिएशन इस निर्णय पर क्या प्रतिक्रिया दे रहे है। जहां इस बारे में सर्कुलर में बोला गया है कि ‘सरकार के संज्ञान में आया है कि सरकारी अफसर प्रेस नोट के द्वारा अवांछित बयान जारी कर रहे हैं. इन घटनाक्रमों का राज्य में प्रशासन व्यवस्था पर गलत प्रभाव पड़ता हुआ नज़र आ रहा है और ये सरकार को भी शर्मिंदा करेंगे।

वहीं इस बारें में सर्कुलर में यह भी बोला गया है कि गवर्नमेंट ने इन घटनाक्रमों पर गंभीरता से विचार किया है और प्रेस कॉन्फ्रेंस और प्रेस नोटों के माध्यम से अवांछित बयान जारी करने पर प्रतिबंध जारी कर दिया गया है, उन्हें केवल विश्वसनीय और अफसर कर्तव्यों को पूरा करने की अनुमति है। मिली जानकारी के अनुसार सर्कुलर में चेतावनी दी गई है कि यदि कोई गवर्नमेंट अफसर सरकार के विरुद्ध किसी भी मंच पर अपने विचार और राय को प्रसारित करता हुआ पाया जाता है और सरकार को शर्मिंदा करता है, तो उसके विरुद्ध गंभीर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाने वाली है।

 जहां यह भी कहा जा रहा है कि सरकारी अधिकारियों को ऑफिशियल सूचना प्रसारित करने के लिए मीडिया से बात करने की मंज़ूरी दे दी है। सर्कुलर में कहा गया है कि उन्हें मीडिया के माध्यम से अपनी शिकायतों को प्रसारित करने की अब तक कोई सहमति नहीं हो पाई है। यह सर्कुलर जद (एस) विधायक और पूर्व मंत्री सा.रा के बीच सार्वजनिक विवाद की पृष्ठभूमि में दर्ज किया जा चुका है। महेश और आईएएस अधिकारी रोहिणी सिंधुरी दो माह पहले  विकास के उपरांत, तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने उन्हें मैसूर के जिला आयुक्त के पद से मुजराई विभाग में स्थानांतरित कर दिया था।

आखिर क्यों खत्म नहीं हो रहा कोरोना का कहर, 24 घंटों में फिर सामने आए डरा देने वाले मामले

मुंबई: भारी बारिश का अलर्ट

ब्रह्म मोहिंद्र, सुखजिंदर रंधावा होंगे पंजाब के डिप्टी सीएम

Related News