दुर्गाष्टमी और राम नवमी पर क्या है कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त, जानिए यहाँ

नवरात्रि के समापन के दिन कन्या पूजन किया जाता है। हालाँकि कुछ लोग अष्टमी के दिन कन्या पूजन करते हैं, तो कुछ लोग नवमी के दिन कन्या पूजन करते हैं। आप सभी जानते ही होंगे इस समय चैत्र नवरात्रि पर्व चल रहा है, और मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। ऐसे में अष्टमी और नवमी के दिन 2 साल से लेकर 11 साल की कन्याओं की पूजा का विधान है। जी दरअसल ऐसा माना जाता है कि कन्या पूजन के दिन अलग-अलग रूप की कन्याएं देवी के अलग-अलग स्वरूप को दर्शाती हैं। अब हम आपको बताते हैं इस बार की कन्यापूजन की तिथि, शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में।

दुर्गाष्टमी कन्या पूजन शुभ मुहूर्त- नवरात्रि के अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का विधान है। जी दरअसल इस बार अष्टमी तिथि 9 अप्रैल को पड़ रही है। इसे महाअष्टमी और दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। वहीं अष्टमी की शुरुआत 8 अप्रैल को रात 11 बजकर 05 मिनट से होगी और समापन 9 अप्रैल देर रात 1 बजकर 23 मिनट पर होगा। वहीं ज्योतिष अनुसार इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 6 बजकर 2 मिनट तक है। सुकर्मा योग दिन में 11 बजकर 25 मिनट से 11 बजकर 58 मिनट तक है। दिन का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक है। आप इन शुभ मुहूर्त में कन्या पूजन कर सकते हैं।

नवरात्रि राम नवमी- आपको बता दें कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी मनाई जाती है। जी हाँ और इस दिन भी कन्या पूजन का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन राम जी का जन्म हुआ था, और राम जी का जन्मोत्सव देशभर में धूम-धाम से मनाया जाता है। वहीं पंचाग अनुसार नवमी तिथि 10 अप्रैल रात्रि 1 बजकर 23 मिनट से आरंभ होगी। जो कि 11 अप्रैल सुबह 3 बजकर 15 मिनट तक रहेगी। जी हाँ और इस दिन सुकर्मा योग दोपहर 12 बजकर 4 मिनट तक है। इसके अलावा इस दिन रवि पुष्य योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन है। ऐसे में इस दिन सुबह से ही कन्या पूजन किया जा सकता है।

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