नाग पंचमी 2020 : जब श्री कृष्ण को ललकार बैठा था यह नाग, हुआ था बहुत बुरा हश्र

सावन माह कई मायनों में ख़ास होता हैं। इस बात से तो हर कोई भली-भांति परिचित हैं कि सावन माह में भगवान शिव का विशेष पूजन होता हैं और सावन के सोमवार कई मायनों में ख़ास होते हैं। साथ ही आपको बता दें कि सावन के माह में ही नागपंचमी का त्यौहार भी आता हैं। हर साल यह त्यौहार सावन माह की शुक्ल की पंचमी को मनाया जाता है। इस बार नागपंचमी शनिवार, 25 जुलाई को मनाई जाएगी। यूं तो नाग देवता का संबंध ख़ास तौर से त्रिदेव ब्रह्मा जी, विष्णु जी और भगवान शिव से रहा है, हालांकि एक ऐसा भी अवसर आया था, जब कालिया नाम के नाग ने भगवान श्री कृष्ण को ललकारा था, बाद में उसका क्या हश्र हुआ था इस बात को हम सभी बहुत अच्छे तरीके से जानते हैं। तो आइए जानते हैं उस घटना के बारे में विस्तार से। 

शास्त्रों में भी इस बात का उल्लेख मिलता है। शास्त्रों में श्री कृष्ण और नाग का एक प्रसंग प्रमुख रूप से देखने को मिलता है। जब श्री कृष्ण बाल्य अवस्था में थे, तो उस समय यमुना नदी के किनारे वे अपने मित्रों के साथ खेल रहें थे, इस दौरान श्री कृष्ण को मारने के लिए उनके मामा कंस ने यमुना में कालिया नाम के नाग को भेजा था, खेलने के दौरान गेंद यमुना में चली जाती है और श्री कृष्ण अपनी गेंद को लेने के लिए यमुना नदी में उतर जाते हैं। कालिया के आतंक से सभी लोग परिचित थे।  

श्री कृष्ण जब अपनी गेंद की तलाश में यमुना में उतरे तो कालिया नाम का नाग भगवान कृष्ण को ललकारने लगा। हालांकि वह इस बात से अनजान था कि वह किसे ललकार रहा है। कालिया और श्री कृष्ण अब आमने-सामने थे, जहां श्री कृष्ण ने कालिया को सबक सिखाते हुए उसकी जमकर धुनाई की और उसे परास्त कर दिया। साथ ही श्री कृष्ण ने उसे जीवित छोड़ते हुए कहा कि उसे अभी के अभी यहां से जाना होगा और अपना ठिकाना किसी और स्थान को बनाना होगा। बाद में कालिया भगवान कृष्ण से क्षमा मांगते हुए उस स्थान से चला गया।  

 

 

 

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