रमेश मेंदोला को लेकर बोले कैलाश विजयवर्गीय- मैंने छोड़ा था इंदौर अब...

इंदौर: कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार को इंदौर में एक कार्यक्रम के बीच अपने साथी विधायक रमेश मेंदोला को लेकर चुटकी लेते हुए दिखाई दिए. उन्होंने बोला है कि जैसे मकर संक्रांति पर सूर्य नारायण के लिए सर्दी ने हटकर उन्हें स्थान दे दिया. इस प्रकार मैंने भी एक वक़्त में इंदौर विधानसभा दो को छोड़कर विधायक रमेश मेंदोला को सौंप दी थी. उस वक़्त मैं विधानसभा दो को छोड़कर महू चला गया था. अब रमेश मेंदोला अपनी विधानसभा को संभालें.

कैलाश विजयवर्गीय ने रमेश मेंदोला की ली चुटकी: इतना ही नहीं  इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय विधानसभा दो में आयोजित पतंगबाजी समारोह में भागीदारी करने के लिए गए हुए थे. कैलाश विजयवर्गीय ने इस बारें में बोला है कि  "जैसे ही प्रकृति को पता चला कि भगवान सूर्य नारायण आ रहे हैं तो उनके स्वागत के लिए वह चली गई और सूर्य नारायण को स्थान दे दिया है, लेकिन हम लोग जगह ही नहीं देते. जैसे मैं महू चला गया तो रमेश मेंदोला को स्थान दे दिया है. अब रमेश मेंदोला की जवाबदारी बनती है कि वह देखें." 

आकाश को लेकर था इशारा: इंदौर में सोमवार को मकर संक्रांति के अवसर पर कनकेश्वरी मैदान में पतंगबाजी का आयोजन भी किया गया है. यहां पर कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विधायक रमेश मेंदोला और बीजेपी के कई नेता मौजूद रहे. इस दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने मौसम के बदलाव को लेकर मजाकिया अंदाज में एक बात कही जिस पर जमकर ठहाके भी लगाते हुए दिखाई दिए है. हालांकि जिस तरह से कैलाश विजयवर्गीय ने ये बात बोला है उससे अब सियासी गलियारों में जानकार अंदाजा लगाने लगे हैं कि कैलाश विजयवर्गीय अपने बेटे आकाश विजयवर्गीय के लिए विधानसभा दो का टिकट की चाह में थे.  

‘आकाश विजयवर्गीय को लड़वाना चाहते थे इंदौर विधानसभा-2 से चुनाव’: राजनीतिक इतिहास के बारें में बात की जाए तो वर्ष 2008 में कैलाश विजयवर्गीय ने रमेश मेंदोला के लिए विधानसभा क्रमांक 2 की सीट को छोड़ा था और उस समय वे महू जाकर चुनाव लड़े थे और जीत गए थे. जिसके उपरांत से रमेश मेंदोला ही इस सीट पर विधायक बनते चले आए. वहीं 2018 की बात करें तो इस विधानसभा चुनाव में कैलाश विजयवर्गीय आकाश विजयवर्गीय को विधानसभा 2 से चुनाव लड़वाना चाह रहे थे. लेकिन रमेश मेंदोला की ख्याति देख ये संभव नहीं हो पाया और उन्हें विधानसभा तीन से टिकट मिल गया था. उस वक़्त कांग्रेस तीन नंबर क्षेत्र में बहुत मजबूत थी लेकिन फिर भी कैलाश विजयवर्गी के पुत्र आकाश विजयवर्गीय यहां से चुनाव जीत गए. 

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