मध्य प्रदेश की सियासत में फिर छाया कड़कनाथ, भाजपा नेता ने किया ये सवाल

भोपाल: कमलनाथ सरकार में वित्त मंत्री तरुण भनोट ने राज्य का बजट पेश करते हुए जब इस बात का ऐलान किया कि राज्य सरकार अब राज्य की मशहूर चीजों की इंटरनेशनल ब्रांडिंग करेगी तो इस बात की चारों ओर चर्चा होगी. इस योजना के तहत सरकार मध्यप्रदेश की विख्यात रतलामी सेव, मालवा के लड्डू-चूरमा, दाल बाफले, बुंदेलखंड की मावा जलेबी, मुरैना की गजक, भोपाल के बटुए, चंदेरी और महेश्वरी साड़ी की ब्रांडिंग करेगी. 

किन्तु अब यही ऐलान सरकार के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है. प्रदेश के तमाम इलाकों से अनदेखी की आवाज उठ रही है. यही कारण है कि चुनावों के दौरान भारी डिमांड में रहने वाला कड़कनाथ मुर्गा एक बार फिर सियासी बहस का हिस्सा बन चुका है. उल्लेखनीय है कि राज्य में लोग खाने के बेहद शौकीन हैं और यहां अलग-अलग शहरों के अलग-अलग व्यंजन मशहूर हैं. यही नहीं तमाम शहरों की पहचान भी उन व्यंजनों के आधार पर ही होती है.

यही कारण है कि जब राज्य की कमलनाथ सरकार ने कुछ प्रसिद्ध व्यंजनों और वस्तुओं की ब्रांडिंग करने की घोषणा की तो जिन लोगों के इलाके की मशहूर चीजें सूची में शामिल नहीं थी अपना विरोध जताना शुरू कर दिया. रतलाम-झाबुआ सांसद गुमान सिंह डामोर ने राज्य के सीएम कमलनाथ पर बजट में आदिवासियों के साथ उपेक्षा का आरोप लगाया है. भाजपा सांसद गुमान सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश के बजट में मशहूर चीजों सेंव, दाल-बाफले की ब्रांडिग की बात कही गई है. आदिवासी क्षेत्र झाबुआ और अलीराजपुर में मिलने वाले दाल-पानिया और कड़कनाथ मुर्गा भी प्रसिद्ध है ऐसे में कड़कनाथ मुर्गे की भी ब्रांडिंग होना चाहिए. 

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