दिल्ली को कैसे मिले स्वच्छ हवा ? सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेगी 'जस्टिस लोकुर समिति'

नई दिल्ली: पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण के मुद्दे पर आज यानी शुक्रवार को देश की सबसे बड़ी अदालत में सुनवाई हुई. इसमें शीर्ष अदालत ने पूर्व जस्टिस मदन बी लोकुर की अगुवाई में एक सदस्यीय समिति का गठन किया है. इस पर सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने आपत्ति जाहिर की है. अब कमेटी पंजाब, हरियाणा और यूपी में पराली जलने के मामलों की निगरानी करेगी.

जस्टिस लोकुर समिति हर 15 दिन में शीर्ष अदालत को पराली जलाने कि गतिविधि रोकने के मुद्दे पर रिपोर्ट सौंपेगी. अब मामले की अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को होने वाली है. सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा है कि संबंधित राज्य सरकारें जस्टिस लोकुर समिति को उचित सुविधा उपलब्ध कराएंगी, जिसमें सेक्रेट्रिएट, सुरक्षा और फाइनेंशियल सुविधाएं शामिल हैं. राज्यों के तर्कों पर मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि राज्य कह रहे हैं कि पराली जलाने के कारण दिल्ली में प्रदूषण नहीं हो रहा, तो आखिर प्रदूषण क्यों हो रहा है. यह जानना आवश्यक है. हम चाहते हैं कि NCR में लोगों को सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा मिले.

अदालत में पंजाब सरकार ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का कारण वे नहीं हैं, क्योंकि उनकी ओर से अदालत के प्रत्येक निर्देश का अक्षरश: अनुपालन किया जा रहा है. वहीं यूपी, हरियाणा ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है. याचिकाकर्ता ने ही पूर्व जस्टिस मदन बी लोकुर की नियुक्ति की गुजारिश की थी. जिस पर अदालत तैयार हो गया.

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