असम को भारत से काटने की साजिश रचने वाले JNU स्टूडेंट शरजील इमाम को मिली जमानत

नई दिल्ली: अपने भड़काऊ भाषणों के जरिए दिल्ली के हिन्दू विरोधी दंगों में अहम भूमिका निभाने वाले शरजील इमाम (Sharjeel Imam) को एक मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने जमानत दे दी है। साकेत कोर्ट ने वर्ष 2019 में हुए CAA-NRC विरोध के दौरान जामिया में दिए गए भड़काऊ भाषण के एक मामले में शरजील को जमानत दी है। हालाँकि, शरजील 28 जनवरी 2020 से जेल में कैद है, और उसे अभी जेल में ही रहना होगा।

मूल रूप से बिहार का निवासी शरजील इमाम, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) का छात्र है, कोर्ट ने उसे 30,000 रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी है। हालाँकि, अन्य विभिन्न मामलों की वजह से शरजील अभी भी जेल में ही रहेगा। उस पर देशद्रोह और UAPA के तहत कई और केस चल रहे हैं। इन मामलों में सुनवाई दिल्ली उच्च न्यायालय में चल रही है। बता दें कि, अपने भड़काऊ भाषणों में JNU स्टूडेंट शरजील इमाम ने बांग्लादेश, भूटान और चीन की सीमा से सटे असम के पास स्थित ‘चिकन नेक’ को काटकर पूर्वोत्तर राज्यों को देश से अलग करने के लिए मुस्लिमों को भड़काया था। शरजील के भड़काऊ भाषणों के मद्देनज़र दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, असम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में उसके खिलाफ UAPA के तहत केस दर्ज किया गया था। 

बता दें कि इसके पहले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में CAA कानून के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के मामले में शरजील इमाम को 27 नवम्बर 2021 बेल मिल चुकी है। शरजील पर आरोप लगाया गया था कि उसने अपना भाषण ‘अस-सलामु अलैकुम’ के साथ शुरू किया था, जो यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि वह एक विशेष समुदाय को भड़काने की कोशिश कर रहा था। इमाम को 13 दिसंबर 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया में और 16 जनवरी, 2020 को AMU में भड़काऊ भाषण देने के लिए 28 जनवरी 2020 को बिहार के जहानाबाद से अरेस्ट किया गया था।

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