जयप्रकाश नारायण: भारतीय इतिहास में विपक्ष की राजनीति के लिए थे प्रसिद्ध

भारत में इंदिरा गांधी के काल में जाना माना नाम जयप्रकाश नारायण का है, वे एक ऐसे कुशल और राजनीति में दक्ष नेता थे जिन्होंने कांग्रेस सरकार को जमीन से हिला कर रख दिया था। जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्टूबर 1902 को बिहार में हुआ था वे भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे। जयप्रकाश नारायण को 1970 में इंदिरा गांधी के विरुद्ध विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है। इन्दिरा गांधी के विपक्ष में इन्होंने सम्पूर्ण क्रांति नामक आंदोलन चलाया इसके अलावा वे समाज सेवा में भी आगे रहते थे, जयप्रकाश जी को लोकनायक के नाम से भी जाना जाता है। 

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1999 में जयप्रकाश जी को उनके निधन के बाद भारत रत्न से सम्मनित किया गया। इसके बाद उन्हें समाजसेवा के लिए 1965 में मैगससे पुरस्कार दिया गया इनके नाम पर पटना के हवाई अड्डे का नाम रखा गया है और दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा अस्पताल लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल भी उन्हीं के नाम पर है। जब वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के हिस्सा बने तब 1932 में गांधी, नेहरु और अन्य कांग्रेसी नेताओं के जेल जाने के बाद उन्होंने भारत के कई हिस्सों में संग्राम का नेतृत्व किया। 

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स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देते हुए उन्हें भी मद्रास में सितम्बर 1932 में गिरफ्तार कर लिया गया और नासिक की जेल में भेज दिया गया। जेल में इनके द्वारा की गयी चर्चाओं ने कांग्रेस सोसलिस्ट पार्टी को जन्म दिया और फिर एक नई पार्टी की शुरूआत हुई ये पार्टी मुख्य रूप से समाजवाद में विश्वास रखती थी। जब कांग्रेस ने 1934 में चुनाव में हिस्सा लेने का फैसला किया तो जयप्रकाश जी ने इसका विरोध किया।  

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