भारत में गजलों के बादशाह थे जगजीत सिंह

भारत में संगीत की दुनिया बहुत ही वृहद है और इसमें अलग अलग विधाएं भी शामिल हैं हम बात कर रहें हैं मशहूर गजल सम्राट जगजीत सिंह की, जी हां जगजीत सिंह जी ने भारतीय गजलों में अपना अलग ही स्थान प्राप्त किया ​है। जगजीत सिंह जी का जन्म 8 फरवरी 1941 में बीकानेर के गंगानगर में हुआ था, अपनी आवाज का जादू लोगों के दिलों में उतारने वाले सिंह आज भी आम आदमी के दिल और दिमाग में अपनी तान छेड़ रहे हैं। 

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संगीत की एक विधा गजल भी है जिसे लोग बहुत सुनते हैं और जगजीत सिंह का नाम गजलों के लिए वेहद लोकप्रिय गायकों में शुमार हैं। जगजीत सिंह जी आज हमारे बीच नहीं हैं और उनकी कमी पूरे संगीत जगत को महसूस हो रही है, 10 अक्टूबर 2011 को 70 साल की उम्र में जगजीत सिंह जी का मुंबई में निधन हुआ था। लेकिन उनके संगीत और मधुर आवाज ने लोगों को दीवाना कर दिया है, खालिस उर्दू जानने वालों की मिल्कियत समझी जाने वाली नवाबों की दुनिया में झनकती और शायरों की महफिलों में वाह-वाह की दाद पर इतराती ग़ज़लों को आम आदमी तक पहुंचाने का श्रेय जगजीत सिंह को ही जाता है। 

भारत में जगजीत सिंह जी को 2003 में सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था और फरवरी 2014 में सिंह के सम्मान व स्मृति में दो डाक टिकट भी जारी किए गए हैं। जगजीत सिंह की गजलों को आम लोग बड़े ही उत्साह से सुनते हैं उन्होंने गजलों को फिल्मी अंदाज में गाना शुरू किया। आम आदमी जगजीत सिंह, पंकज उधास की गजलों को सुनकर ही मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।  

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