शिक्षा का मंदिर तय नहीं कर पा रहा, सरस्वती देवी का स्थान

जबलपुर. मध्यप्रदेश में हाईकोर्ट के आदेश पर शहर में 500 से अधिक मंदिर-मस्जिद हटाए जा चुके है, इसके बाद भी एक कॉलेज में मंदिर को शिफ्ट करना भारी पड़ रहा है. जबलपुर शहर में साइंस टेक्नोलॉजी को समझने-समझाने वाले भगवान की मूर्ति को हटाने के लिए एकमत नहीं है. शासकीय साइंस कॉलेज में तीन महीने से पढाई को अलग कर मैनेजमेंट सरस्वती प्रतिमा को अन्य स्थान पर दोबारा स्थापित करने में जुटा है.

सरस्वती प्रतिमा को स्थापित करने के मामले में शिक्षक, कर्मचारी और स्टूडेंट सबकी कई बार वोटिंग और मीटिंग हुई किन्तु कोई नतीजा नहीं निकल सका. प्रशासन ने अब इस मामले को ठन्डे बस्ते में डाल दिया है. जो शिक्षक मूर्ति हटाने का विरोध कर रहे है उनका तर्क है कि प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा हो चुकी है. प्रतिमा की दिशा बदलेगी तो अशुभ फल मिलने की आशंका रहेगी.

कुछ शिक्षक प्रतिमा को मुख्य द्वार पर स्थापित करना चाहते है. कॉलेज में सरस्वती प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा डेढ़ दशक पहले हुई थी. भूतपूर्व छात्र संगठन ने मंदिर बनवाया. मंदिर साइकिल स्टैंड के पास बना. अब वहां डीटोरियम बना दिया गया है.

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