इसरो ने सफलतापूर्वक चौथी बार बदली चंद्रयान- 2 की कक्षा

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिक अपने दूसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-2 को निरंतर पृथ्वी की कक्षा से आगे बढ़ा रहे हैं. 22 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद इसे पेरिजी (पृथ्वी से कम दूरी) 170 किमी और एपोजी (पृथ्वी से अधिक दूरी) 45,475 किमी पर स्थापित किया गया था. आज यानी 2 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 27 मिनट पर चंद्रयान-2 की कक्षा में सफलतापूर्वक चौथी दफा परिवर्तन किया गया. 

अब चंद्रयान-2 की पेरिजी 277 किमी और एपोजी 89,472 किमी कर दी गई है. अभी 6 अगस्त तक पृथ्वी के चारों ओर चंद्रयान-2 के ऑर्बिट को परिवर्तन किया जाएगा. 22 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद से ही चांद के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने के लिए चंद्रयान-2 की 48 दिन का सफर शुरू हो चुका है. प्रक्षेपण के 16.23 मिनट बाद चंद्रयान-2 पृथ्वी से लगभग 170 किमी की ऊंचाई पर जीएसएलवी-एमके3 रॉकेट से पृथक होकर पृथ्वी की कक्षा में चक्कर काट रहा था. इसरो वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-2 के लॉन्च को लेकर बहुत परिवर्तन किए थे.

29 जुलाई को दोपहर 2.30 से 3.30 के मध्य चंद्रयान-2 की पेरिजी 276 किमी और एपोजी 71,792 किमी की गई थी. 25-26 जुलाई की रात को 1.08 बजे चंद्रयान-2 की पेरिजी 251 किमी और एपोजी 54,829 किमी की गई थी. 24 जुलाई को दोपहर 2.52 बजे इसरो द्वारा चंद्रयान-2 की पेरिजी 230 किमी और एपोजी 45,163 किमी की गई थी. 

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