'सूर्य नमस्कार' के लिए रवाना हुआ आदित्य L1

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन मतलब इसरो अपने पहले सूर्य मिशन 'आदित्य-एल1' (Aditya-L1) को लॉन्च कर दिया है। इस मिशन को 2 सितंबर यानी शनिवार को दोपहर 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया। भारत के इस पहले सौर मिशन से इसरो सूर्य का अध्ययन करेगा। वही केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भीआदित्य एल1 की लॉन्चिंग को देखने के लिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में वैज्ञानिकों के साथ मौजूद रहे। 

वैज्ञानिक से जानिए, क्‍या-क्‍या करेगा आदित्य-L1:- आदित्य-एल1 मिशन के उद्देश्‍य क्‍या हैं:- इसरो के मुताबिक, आदित्य-एल1 मिशन के प्रमुख उद्देश्य इस तरह हैं: * सूर्य के ऊपरी वायुमंडल (किरणोत्सर्जन और कोरोना) के गतिकी का अध्ययन। * क्रोमोस्फीयर और कोरोना की हीटिंग, आंशिक रूप से आयनित प्लाज्मा के भौतिकी, कोरोनल मास इजेक्शन और फ्लेयर्स की शुरुआत का अध्ययन। * सूर्य से कण गतिशीलता के अध्ययन के लिए डेटा प्रदान करने वाले इन-सिटू कण और प्लाज्मा वातावरण का निरीक्षण करें। * सौर कोरोना और इसकी हीटिंग तंत्र का भौतिकी। * कोरोनल और कोरोनल लूप्स प्लाज्मा का निदान: तापमान, वेग और घनत्व। * सीएमई का विकास, गतिशीलता और उत्पत्ति। * उन प्रक्रियाओं के अनुक्रम को पहचानें जो कई परतों (क्रोमोस्फीयर, आधार और विस्तारित कोरोना) में होते हैं जो अंततः सौर विस्फोटक घटनाओं की तरफ ले जाते हैं। * सौर कोरोना में चुंबकीय क्षेत्र टोपोलॉजी और चुंबकीय क्षेत्र माप। * अंतरिक्ष मौसम के चालक (सौर हवा की उत्पत्ति, संरचना और गतिशीलता)।

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