गाड़ियों में फॉग लाइट होने से कम हो सकती है दुर्घटनाएं

जेनेवा में जानलेवा  सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या और कोहरे की वजह से गाड़ियों की टक्कर पर चिंता जताते हुए सरकार से सभी गाड़ियों में आगे एवं पीछे फॉग लाइट को अनिवार्य बनाने का अनुरोध किया है. जेनेवा स्थित प्रबुद्ध मंडल अंतर्राष्ट्रीय सड़क महासंघ (आईआरएफ) ने एक बयान में कहा कि हालांकि, खासकर इनकी जरूरत देश के कोहरा संभावित और पहाड़ी इलाकों में ज्यादा है, लेकिन ये निगरानी कर पाना संभव नहीं है कि सिर्फ फॉग लाइट वाली गाड़ियां ही कोहरा संभावित इलाकों में चलें, इसलिए इसे सभी गाड़ियों में अनिवार्य बनाया जाए.

गाड़ियों के बीच ज्यादा दृश्यता खासकर दिसंबर से फरवरी के बीच कोहरे वाले महीनों में और पहाड़ी इलाकों में दुर्घटना के खतरे को 30 प्रतिशत से ज्यादा तक कम करती है. कोहरे की स्थिति गाड़ी चलाने वालों के लिए खतरनाक है और आगे एवं पीछे फॉग लाइट को अनिवार्य बनाने का कानून कम दृश्यता की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं के खतरे को कम कर सकता है. बारिश, कोहरा, धूल या बर्फबारी की वजह से कम दृश्यता की स्थिति में फॉग लाइट बेहद उपयोगी हैं.' 

'फॉग लाइट और प्राकृतिक रोशनी कम होने या कोहरे या कम दृश्यता की स्थिति में जलने वाली स्वचालित लाइट दुर्घटना के खतरे को कम कर सकती है. अभी, सुरक्षा के लिए गाड़ीवालों को अपनी गाड़ियों में बाजार से आगे एवं पीछे की फॉग लाइट लगवानी पड़ती है. वैसे तो कोहरे की स्थिति में दुर्घटना के जोखिम को खत्म करने के लिए सिर्फ फॉग लाइट्स लगाना ही एकमात्र उपाय नहीं होगा बल्कि सुरक्षित ड्राइविंग के लिए बेहतर माहौल बनाने में सरकार के साथ-साथ वाहन चालकों और सामाजिक संस्थाओं को भी दूसरे उपाय करने होंगे.

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