असुरक्षित क्षेत्र में जाने से परेशान है शरणार्थी

अमीरात अल फालुजा।  इराक में सेना शरणार्थी शिविरों से जबरन लोगों को असुरक्षित क्षेत्रों में भेज रही है। यह क्षेत्र सुन्नी बाहुल्य वाला अनबार है जिससे उनकी जान के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है। शरणार्थियों तथा राहतकर्मियों का कहना है कि प्रशासन समय पर चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए उन्हें उनकी इच्छा के विरुद्ध वापस भेज रहा है। चुनाव के लिए जरूरी है कि लोग मतदान के लिए अपने पैतृक क्षेत्र में रहें। अगर वे लोग अपने घर नहीं लौटते हैं तो चुनाव में देरी हो सकती है।

एक सहायताकर्मी ने कहा, लोगों का लौटना सुरक्षित नहीं है। निसंदेह लोग खुले तौर पर इसके खिलाफ आवाज नहीं उठा रहे हैं क्योंकि उनके पास दूसरा कोई चारा नहीं है। वे लोग बंदूकधारियों के समूह के सामने इंकार नहीं कर सकते हैं। सहायता कर्मियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि 21 नवंबर से दो जनवरी के बीच 2400 से 5000 शरणार्थियों को जबरन असुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। 

उधर, सेना ने लोगों की इच्छा के विरुद्ध जबरन उन्हें वापस भेजने के आरोपों को निराधार बताया है। इराकी सेना के एक प्रवक्ता ने कहा, हमारी पहली प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है, हमारा काम लोगों की रक्षा करना है।

एंजेला मर्केल इस वार्ता को लेकर आशावादी हैं

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