'तानाशाह की मौत हो..', इस्लामी देश के सर्वोच्च नेता के खिलाफ उतरीं 'हिजाब विरोधी' महिलाएं

तेहरान: ईरान में हिजाब न पहनने की वजह से पुलिस हिरासत में ली गई एक महिला की जान चली गई, जिसके बाद हजारों की तादाद में महिलाएँ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। महिलाओं ने इस मुस्लिम देश के सुप्रीम लीडर अली ख़ामेनेई को तानाशाह बताते हुए उसकी मौत की भी कामना की और इससे जुड़े पोस्टर लहराए। बौखलाई ईरान सरकार ने भारी प्रदर्शनों के मद्देनज़र इंस्टाग्राम का एक्सेस रोक दिया है। अब तक इन प्रदर्शनों में 7 लोगों की जान जा चुकी हैं। महिलाओं के साथ कुछ पुरुष भी सड़कों पर हैं।

 

वहीं, इन विरोधों के चलते ईरान ने इंस्टाग्राम को अपने देश में ब्लॉक कर दिया है। 22 वर्षीय महसा अमिनी (Mahsa Amini) की नृशंस हत्या के बाद ये विरोध प्रदर्शन भड़के हैं। ईरान की नैतिक पुलिस (Morality Police) ने महिला को ‘अनुचित वस्त्र’ पहनने के आरोप में अरेस्ट कर लिया था। अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों से जूझते इस मुस्लिम मुल्क में अब मानवाधिकार के लिए माँग तेज हो रही है। ईरान के एक मंत्री ने ‘सुरक्षा कारणों’ का हवाला देते हुए इंटरनेट तक बंद करने की धमकी दे दी और विवाद बढ़ने के बाद कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया था।

वहीं, ईरान के सुप्रीम लीडर अली ख़ामेनेई ने 1980-88 के बीच चले ईरान-ईराक युद्ध की बरसी बनाने के लिए आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में भाषण देते वक़्त इन प्रदर्शनों का कोई उल्लेख नहीं किया। इससे पहले ईरान में इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन 2019 में देखने को मिले थे, जब सरकार ने गैस की कीमतें बढ़ा दी थी। सुरक्षा बल लगातार दमनकारी तरीके आजमा रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान 23 वर्षीय उर्मिया और 16 वर्षीय पीरंसहर की पुलिस ने गोली मारकर हत्या कर दी। हलांकि, ईरान का प्रशासन इन मौतों की पुष्टि नहीं कर रहा है। 

ईरान के प्रदर्शनकारी अब एक जगह पर जमा हो रहे हैं और पुलिस के आने से पहले वहाँ से निकल जाते हैं, ताकि क्रूरता का उन्हें सामना न करना पड़े। तेहरान यूनिवर्सिटी के पश्चिमी इलाके में कई युवाओं को पुलिस ने बुरी तरह पीटा। 450 लोग इन प्रदर्शनों में पुलिसिया कार्रवाई से जख्मी हुए हैं। ईरान सरकार ‘स्वच्छ जाँच’ की बात कह रही है, मगर प्रदर्शनकारियों की माँग इतनी सी नहीं है। वहीं, इजरायल की महिलाओं ने ईरान की प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है।

 

सोशल मीडिया पर ऐसी वीडियोज वायरल हो रहीं हैं, जिसमें औरतें खुले बाल लेकर अपने हिजाब को जला रही हैं और कुछ अपने बालों को काटकर घटना का विरोध कर रही हैं। ईरानी महिला अपने बाल काट कर और हिजाब जलाकर महसा अमिनी (Mahsa Amini) की हत्या पर अपना आक्रोश दिखा रही हैं। पत्रकार अलीनेजाद बताती हैं कि 7 की उम्र से यदि ईरान में लड़कियाँ अपने बाल को न ढकें, तो उन्हें स्कूल नहीं जाने दिया जाता और कोई जॉब नहीं मिलती। बता दें कि, ईरान में औरतें इस लैंगिक भेदभाव की व्यवस्था से तंग आ गई हैं।

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