सुविचार- प्रभु को याद रखना श्रेष्ठ पुरूषार्थ है

1- प्रभु को याद रखना श्रेष्ठ पुरूषार्थ है।

2- प्रभु को हमें अपना जीवन अर्पण करना चाहिए ।

3- वह सुबह अच्छी होती है जब आप पहले प्रभु से बात करते हैं ।

4- भरोसेमंद बच्चे बने क्योंकि प्रभु सदा एक विश्वसनीय पिता हैं ।

5- प्रभु से सदैव भक्ति ही मांगो ।

6- प्रभु से प्रेम होने पर जीवन उत्साह से भर जाता है ।

7- प्रभु हमारे भीतर हैं तभी तक हमारी इन्द्रियां काम करती हैं । इसलिए जीवन में प्रभु को सबसे ऊँ‍चा स्थान देना चाहिए ।

8- हम शरीर का विचार करते हैं पर शरीर के भीतर बैठे प्रभु का विचार नहीं करते ।

9- सब कुछ करके थक जाने के बाद अन्त में प्रभु की शरण में आना ही पड़ता है ।

10- जब हम भक्ति करने लगते हैं तो तीव्रता से पापों के पहाड़ भी नष्ट हो जाते हैं ।  

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