दिल्ली में साँस लेना हुआ दूभर

नई दिल्ली : पूरे देश के साथ राजधानी दिल्ली में भी दीवाली का त्यौहार मनाया गया. लेकिन दिल्ली को प्रदूषण से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पटाखा बिक्री पर रोक का भी कोई खास असर नजर नहीं आया. दिवाली बीतने के 48 घंटे में ही अस्पताल में साँस लेने की तकलीफ वाले मरीजों की संख्या में तीस फीसदी का इजाफा हुआ है. दिल्ली में साँस लेना दूभर हो गया है.

मिली जानकारी के अनुसार राजधानी के अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है, जिन्हें सांस लेने में परेशानी, खांसी और छाती में जकड़न जैसी परेशानियां हो रही है. इस बार भी दिल्ली की हवा खतरनाक है. केवल दृश्यता में सुधार हुआ है. दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के आकस्मिक वॉर्ड में दिवाली की बाद से अचानक ऐसे मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिन्हें लगातार सांस लेने में परेशानी हो रही है.

बता दें कि इस बारे में सर गंगा राम अस्पताल के डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि हमारे पास ऐसे मरीज भी आए, जिन्हें पहले किसी भी तरह की श्वास संबंधी कोई परेशानी नहीं थी, लेकिन त्योहार के बाद से उनकी तकलीफ अचानक बढ़ गई. वहीँ कुछ मरीज ऐसे भी आए जिन्होंने छाती में दर्द की शिकायत की. डॉ. कुमार ने कहा कि त्योहार के बाद से हवा इतनी प्रदूषित हो चुकी है, कि इस हवा में सांस लेना दिन में 50 सिगरेट पीने के बराबर है. इसके अलावा गाड़ियों, फैक्ट्रियों आदि से भी लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है.

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