227 लाशों से पटा कब्रिस्तान, सामने आया इंदौर के मच्छी बाजार का काला सच

इंदौर: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर के मच्छी बाजार और बंबई बाजार में मछलियों की ख़रीद-बिक्री के बीच दवाओं का व्यापर चल रहा है। केवल दवाएँ ही नहीं, ऑक्सीजन जनरेटर, मास्क, पीपीई किट और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (HCQ) जैसी चीजों का कारोबार भी सरेआम हो रहा है। बता दें कि भारत सरकार द्वारा गठित की गई टास्क फोर्स ने कोरोना के मरीजों के लिए HCQ का उपयोग करने की हिदायत दी थी। हालाँकि, आम लोगों को इसे बगैर डॉक्टर की सलाह के लेने के लिए मना किया गया है। बावजूद इसके लोग इसे ख़रीदने के लिए आतुर नज़र आ रहे हैं।

जिन इलाकों में ये सब चल रहा है, वो एरिया कोरोना से बुरी तरह प्रभावित है। वहाँ चोरी-छिपे उपचार भी चल रहा है। कई लोगों मौतें हो चुकी हैं। ‘दैनिक भास्कर’ के एक स्टिंग के अनुसार, मेडिकल उपकरणों की ख़रीद-बिक्री और चोरी-छिपे कारोबार के बीच कई मौतों का होना संदिग्ध परिस्थितियों की ओर इशारा करता है। इन चीजों की डिलीवरी के लिए बाकायदा वाहन आता है। लॉकडाउन में गाड़ी निकालना संभव नहीं है, इसीलिए उस गाड़ी ने खाद्य सामग्रियां बांटने का कर्फ्यू पास ले रखा है और उसकी आड़ में ये गोरखधंधा चल रहा है।

मुंबई की एक कुरियर कम्पनी के अकाउंट से इन दवाओं के सप्लायर को पैसा दिया जाता है। स्टिंग में ये भी खुलासा हुआ है कि अप्रैल से लेकर अब तक वहाँ 227 लोगों की जान जा चुकी है। अप्रैल के शुरुआती हफ्ते में ही यहाँ 127 लोगों की मौत हुई थी । इन सभी की लाशों को वहीं के कब्रिस्तानों में दफनाया गया।

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