दिन-ब-दिन आत्मनिर्भर होता भारत, सेना प्रमुख बोले- 8 लाख करोड़ तक पहुंचेगा लोकल डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट

नई दिल्ली: इंडियन आर्मी की तरफ से देश में बने घातक हथियारों को बढ़ावा देने पर फोकस किया जा रहा है। आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने विश्वास जताते हुए कहा है कि इंडियन इंडस्ट्री सशस्त्र बलों की तत्काल जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि अगले 8 वर्षों में लोकल डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट 8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है, क्योंकि स्वदेशीकरण को लेकर मुहीम जारी है। मनोज पांडे ने कहा कि सेना को युद्ध के विभिन्न क्षेत्रों में नई तकनीक की आवश्यकता है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सैटेलाइट इमेजरी इंटरप्रेटेशन, ड्रोन एंड काउंटर सिस्टम, युद्ध सामग्री, क्वांटम कंप्यूटिंग और जवानों की गतिशीलता शामिल है। यह प्राइवेट सेक्टर के लिए एक बाजार तैयार करता है।

आर्मी चीफ ने कहा है कि, 'पिछले 3-4 वर्षों में स्वदेशी कॉन्ट्रैक्ट्स में तीन गुना की वृद्धि हुई है। आने वाले 7-8 वर्षों में स्वादेशी मार्केट की वैल्यू 7-8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। यह ऐसी मार्केट होगी, जिसमें डिफेंस इंडस्ट्री के लिए काफी सारी संभावनाएं होंगी।' उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध से भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है। इस दौरान हमें स्वदेशी प्रोडक्शन की सख्त जरूरत देखी गई है, ताकि डिफेंस के लिए इम्पोर्ट पर आश्रित न रहना पड़े। उन्होंने कहा कि सैन्य बलों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ही प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए गए हैं।

जनरल मनोज पांडे ने कहा है कि, 'हम स्टार्टअप्स और छोटी कंपनियों का साथ दे रहे हैं। ट्रायल और टेस्टिंग की प्रक्रिया सरल कर दी गई है। प्राइवेट इंडस्ट्री हमारी अवश्यकताओं को समझ सके, इसके लिए भी कदम उठाए गए हैं। सेना की तरफ से इमरजेंसी प्रोक्योरमेंट्स का चौथा चरण जारी है। इसमें स्वदेशी प्रोडक्ट्स पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है।'

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