नौकरी के बदले 'लालू परिवार' ने रिश्वत में ली 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन ? 15 मार्च को कोर्ट में होना पड़ेगा पेश

पटना: लालू यादव परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. अब दिल्ली की एक कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती को समन भेजा है. ये समन 'लैंड फॉर जॉब्स' यानी 'जमीन के बदले नौकरी घोटाला' मामले में जारी किया गया है. इस घोटाले के सिलसिले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू परिवार सहित 14 आरोपियों को समन भेजा है. सभी आरोपियों को 15 मार्च को कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश हैं. 15 मार्च को कोर्ट सभी आरोपियों से पूछताछ करेगी और उसके बाद उनके खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे.

बता दें कि, ये घोटाला उस वक़्त का है, जब लालू यादव कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार में रेल मंत्री (2004-2009 ) हुआ करते थे. आरोप है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे में लोगों को नौकरी देने के एवज में उनकी जमीन अपने और अपने परिवार के नाम करवा ली थी. इस मामले में 10 अक्टूबर 2022 को CBI ने चार्जशीट फाइल की थी, जिसमें 16 लोगों पर आरोप लगाया गया था. जुलाई 2022 में CBI ने भोला यादव को अरेस्ट किया था, जो लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए उनके OSD (Officer on Special Duty) थे. 

रिपोर्ट के अनुसार, 'जमीन के बदले नौकरी घोटाला' 14 वर्ष पुराना है. इस मामले में CBI ने 18 मई 2022 को मामला दर्ज किया था. CBI के अनुसार, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप D के पदों पर सब्स्टीट्यूट के रूप में भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया. CBI का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1.05 लाख वर्ग फीट भूमि पर कब्जा कर रखा है. इन इन जमीनों का पूरा सौदा कैश में हुआ था. यानी, लालू परिवार ने नकद देकर ये जमीनें खरीदी थी. CBI के अनुसार, ये जमीनें बेहद कम कीमतों पर बेच दी गई थीं.

CBI ने अपनी जांच में ये भी पाया है कि जोनल रेलवे में सब्स्टीट्यूट की भर्ती का कोई विज्ञापन या पब्लिक नोटिस जारी नहीं किया गया था. मगर, जिन परिवारों ने यादव परिवार को अपनी भूमि दी, उनके सदस्यों को रेलवे में मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नौकरियां दे दी गई. वहीं, ED के अनुसार, कुछ उम्मीदवारों के आवेदनों को मंजूरी देने में जल्दबाजी दिखाई गई. कुछ आवेदनों को महज 3 दिनों में ही अप्रूव कर दिया गया. पश्चिम मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे ने अभ्यर्थियों के आवेदनों को बगैर पूरे एड्रेस के भी अप्रूव कर दिया और नौकरी दे दी गई. एजेंसी के अनुसार, कुल मिलाकर लालू परिवार ने 7 उम्मीदवारों को जमीन के एवज में नौकरी दी थी. इनमें से 5 जमीनों की बिक्री हुई थी, जबकि दो जमीन के टुकड़े गिफ्ट के रूप में लालू परिवार के नाम कर दिए गए थे. 

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