हमारे द्वारा खाये हुए खाने का सही तरह से पचना बहुत ज़रूरी होता है। पाचन की प्रक्रिया में हमारा पेट एक ऐसे एसिड को स्रावित करता है जो पाचन के लिए बहुत ही ज़रूरी होता है। पर कई बार यह एसिड आवश्यकता से अधिक मात्रा में निर्मित होता है, जिसके परिणामस्वरूप सीने में जलन और फैरिंक्स और पेट के बीच के पथ में पीड़ा और परेशानी का एहसास होता है। इस हालत को एसिडिटी या एसिड पेप्टिक रोग के नाम से जाना जाता है । एसिडिटी होने के कारण एसिडिटी के आम कारण होते हैं, खान पान में अनियमितता, खाने को ठीक तरह से नहीं चबाना, और पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना इत्यादि। मसालेदार और जंक फ़ूड आहार का सेवनकरना भी एसिडिटी के अन्य कारण होते हैं। इसके अलावा हड़बड़ी में खाना और तनावग्रस्त होकर खाना और धूम्रपान और मदिरापान भी एसिडिटी के कारण होते हैं। भारी खाने के सेवन करने से भी एसिडिटी की परेशानी बढ़ जाती है। और सुबह सुबह अल्पाहार न करना और लंबे समय तक भूखे रहने से भी एसिडिटी आपको परेशान कर सकती है। एसिडिटी के लक्षण -पेट में जलन का एहसास -सीने में जलन -मतली का एहसास -डीसपेपसिया -डकार आना -खाने पीने में कम दिलचस्पी -पेट में जलन का एहसास एसिडिटी के घरेलू उपचार: -विटामिन बी और ई युक्त सब्जियों का अधिक सेवन करें। -व्यायाम और शारीरिक गतिविधियाँ करते रहें। -खाना खाने के बाद किसी भी तरह के पेय का सेवन ना करें। -बादाम का सेवन आपके सीने की जलन कम करनेमें मदद करता है। -खीरा, ककड़ी और तरबूज का अधिक सेवन करें। -पानी में नींबू मिलाकर पियें, इससे भी सीने की जलन कम होती है। -नियमित रूप से पुदीने के रस का सेवन करें । -तुलसी के पत्ते एसिडिटी और मतली से काफी हद तक राहत दिलाते हैं। -नारियल पानी का सेवन अधिक करें आँखे है सबसे अमूल्य : सुरक्षा के लिए रखे इन बातों ..