आईसीआरए ने ईंधन पर कहा- राजस्व हानि के बिना ईंधन उपकर में 4.5 रुपये प्रति लीटर की...

रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार के पास बिना राजस्व खोए पेट्रोल और डीजल पर उपकर में 4.5 रुपये प्रति लीटर की कटौती करने की गुंजाइश है। ICRA ने कहा कि रिकॉर्ड खुदरा ईंधन की कीमतें 'डिस्पोजेबल आय और खपत पर वजन और मुद्रास्फीति के दबाव में खिला रही हैं। मई में खुदरा महंगाई ने सेंट्रल बैंक के कम्फर्ट जोन को पार कर 6.3 फीसदी कर दिया था।

एजेंसी की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने बताया कि 2021-22 में ईंधन की खपत में वृद्धि से होने वाली राजस्व हानि की भरपाई 2021-22 में होने की उम्मीद है, जिससे यह राजस्व-तटस्थ उपाय बन जाएगा। “वैक्सीन कवरेज में तेजी से गतिशीलता और आर्थिक सुधार में प्रत्याशित वृद्धि से लाभान्वित, आईसीआरए ने पेट्रोल और एचएसडी (हाई-स्पीड डीजल) की खपत में क्रमशः लगभग 14 प्रतिशत और 10 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है। हमारे पूर्वानुमान बताते हैं कि इस साल खपत पेट्रोल के लिए 6.7 प्रतिशत अधिक और एचएसडी के लिए 3.3 प्रतिशत कम होगी।

इस साल ईंधन करों से कुल राजस्व लगभग 13 प्रतिशत बढ़कर 3.6 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जिसमें 40,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व होगा। आईसीआरए ने एक नोट में अनुमान लगाया है कि 40,000 करोड़ रुपये प्रति लीटर 4.5 रुपये की कमी का समर्थन कर सकते हैं।

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