मिलावटखोरों के लिए आतंक बनी दबंग IAS टीवी अनुपमा

नई दिल्ली: नाम टीवी अनुपमा, पद खाद्य सुरक्षा आयुक्त. केरल की इस युवा आईएएस का नाम सुनते ही केरल के मिलावटखोर थर-थर कांपने लगते हैं. कब फोर्स के साथ अनुपमा आ धमकेंगी और मिलावटखोरी मिली नहीं कि तुरंत केस ठोंककर अंदर करेंगी. अनुपमा के डर के चलते ज्यादातर व्यापारियों ने खाद्य पदार्थों में मिलावट करना छोड़ दिया है.

बता दें कि महज 15 महीने के भीतर इस आईएएस ने छह हजार से ज्यादा नमूने भरवाए तो मिलावटखोरी साबित होने पर 750 व्यापारियों पर मुकदमा लाद दिया. जिससे केरल में मिलावटखोरी के अरबों के गोरखधंधे की चूल ही हिल गई. 2010 बैच की ऑल इंडिया में 4 थी रैंक की इस आईएएस ने बता दिया है कि अगर अफसर चाहें तो व्यवस्था की लाइलाज बीमारी का भी इलाज किया जा सकता है.

दबंग आईएएस अनुपमा ने जब फल और सब्जियों की तमाम मंडियों में छापेमारी कराई तो नमूनों की जांच में तीन सौ प्रतिशत कीटनाशक मिले. सब्जियों को जल्दी पकाने के लिए इंजेक्शन की डोज व कीटनाशक से जनता की सेहत के साथ खिलवाड़ देख अनुपमा दंग रह गईं. इसके बाद सभी तरह के खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी करने वालों की कमर तोड़ने का फैसला किया.

विशेष बात यह है कि मिलावटखोंरों पर एक्शन लेने के साथ ही आईएएस अनुपमा ने खुद घर पर सब्जियां उगाने की मुहिम शुरू की. जनता को प्रेरित करना शुरू कर दिया। मुहिम की सफलता देख केरल राज्य सरकार ने भी प्रोत्साहन देना शुरू कर दिया. नतीजा जो केरल पहले जहां 70 फीसद सब्जियां तमिलनाडु और कर्नाटक से खरीदता था, अब केरल के लोग खुद 70 प्रतिशत सब्जियां उगाने लगे हैं. इस दृष्टि से भी आईएएस अनुपमा अनुपम साबित हुई है.

आईएएस अनुपमा की सख्त कार्रवाई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने महज 15 महीने में ही 750 मिलावटखोरों पर मुकदमे दर्ज करा दिए. जिससे केरल में फल-फूल, सब्जियों और खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी करने वाले व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है.

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