कैसा होगा बजट 2018 ?

बजट. एक ऐसा मुद्दा है जिसका सरकार के साथ-साथ आम जनता को बेसब्री से इंतज़ार रहता है. क्या सस्ता, होगा क्या महंगा. ये दो अमिट सवाल बजट के साथ जुड़े रहते है. देश का पूर्णकालिक बजट एक फरवरी को वित्त मंत्री अरुण जेटली पेश करेंगे. पीएम मोदी साफ कर चुके है कि इस बार बजट लोकलुभावन नहीं होगा. बजट की पहली प्राथमिकता इस बार राजकोषीय घाटे की पूर्ति को माना जा रहा है. सरकार राजकोषीय घाटे, महंगाई , विकास दर और लोकसभा चुनाव 2019 को देखते हुए से संतुलित बजट ला सकती है.

चुनावी वर्ष में विपक्ष को कोई भी मौका न देने पर सरकार का ध्यान है. इस साल के मध्य तक भारत चीन को पीछे छोड़ कर दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जायेगा. ऐसे में बजट में निवेश के लिए जगह जरूर होगी. ग्रामीण इलाकों में कृषि क्षेत्र, किसानों की आत्महत्या की और उपज के सही दाम न मिल पाना इन सब के बीच सरकार ने अगले पांच वर्षों में किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है. लेकिन कृषि विकास दर फ़िलहाल मुँह चिढ़ा रही है. इस बात को प्रधानमंत्री स्वीकार कर चुके है. मनेरगा जैसी रोजगार गारंटी योजना में राशि के आवंटन को बढ़ाया जा सकता है. सिंचाई की योजनाओं में विकल्प है.

युवाओं को रोजगार बजट में शामिल एक बड़ा मुद्दा है. सरकार युवाओं के रोजगार को बढ़ाने के लिए कुछ बड़े ऐलान कर सकती है. मध्य वर्ग की पूरी आशा आय कर पर आकर टिक जाती है. रोजमर्रा की चीजों के दामों में आमूल-चूल परिवर्तन पक्के है. स्टॉक मार्केट के लिहाज से बजट एक बड़ा सवाल है. जिसके जवाब पर करोड़ों निवेशकों का भाग्य लिखा जाना है. बड़ी घोषणाओं की संभावनाओं को नाकारा नहीं जा सकता. बहरहाल इंतज़ार कीजिये एक फरवरी 2018 का.

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