गणेशोत्सव : जानिए कैसे रिद्धि-सिद्धि से हुआ था भगवान गणेश का विवाह ?

भगवान गणेश रिद्धि और सिद्धि के दाता है, अर्थात रिद्धि और सिद्धि उनकी पत्नियां है. हालांकि बहुत कम लोगों को यह बात पता होगी कि श्री गणेश का विवाह कैसे हुआ था ? तो आइए जानते हैं पौराणिक कथा के माध्यम से कि भगवान गणेश का विवाह किस तरह से हुआ ?

किस तरह से हुआ श्री गणेश जी का विवाह ?

भगवान गणेश के विवाह को लेकर एक पौराणिक कथा है. इसके अनुसार श्री गणेश जब भी किसी देवता के विवाह में जाते थे तो वे खुद के विवाह को लेकर सोच में पड़ जाते थे और इसके लिए उन्होंने कई देवताओं के विवाह में खलल पैदा किया. इसमें उनकी मदद की उनके वाहन मूषक ने. मूषक विवाह के मंडप को नुकसान पहुंचाता था, इससे सभी देवता भी नाखुश होते थे और उन्होंने शिव जी से इसका हल निकलने के लिए कहा. हालांकि शिव जी के पास कोई हल नहीं था. तब माता पार्वती ने देवताओं से ब्रह्मा जी के पास जाने के लिए कहा. सब देवता ब्रह्मा जी के पास पहुंचे हालांकि उस समय ब्रह्मा जी योग में व्यस्त थे. तब ही दो कन्याएं जिनका नाम रिद्धि और सिद्धि था, वे देवताओं की समस्या के समाधान के लिए प्रकट होती है. बता दें कि ये दोनों ही कन्या ब्रह्मा जी मानस पुत्री थीं. अपनी दोनों ही मानस पुत्रियों को ब्रह्मा जी श्री गणेश के पास ले गए और श्री गणेश से ब्रह्मा जी कहने लगे कि रिद्धि और सिद्धि को आपको शिक्षा देना है. 

ब्रह्मा जी की बात को गणेश जी ने स्वीकार कर लिया. ऐसे में जब भी किसी देवता के विवाह के बारे में गणेश जी को समाचार प्राप्त होता था तो ब्रह्मा जी की दोनों मानस पुत्रियां श्री गणेश का ध्यान उस बात से हटाकर अन्य कोई प्रसंग की बातें करने लगती थी. हालांकि गणेश जी रिद्धि-सिद्धि की बातों को भली-भांति समझ चुके थे, वहीं एक बार मूषक ने श्री गणेश को देवताओं के विवाह बिना किसी उनके अवरोध के पूर्ण होने के बारे में बताया. श्री गणेश कोई कदम उठाते इससे पहले ही ब्रह्मा जी ने रिद्धि और सिद्धि के विवाह का प्रस्ताव श्री गणेश के सामने रख दिया. भगवान गणेश ने ब्रह्मा जी के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. श्री गणेश का विवाह इस तरह रिद्धि और सिद्धि से हुआ. 

 

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