उच्च शिक्षित 22 वर्षीय बालिका ने चुनी मोक्ष की राह

फतेहपुर: आज का युवा चाँद को भी अपनी मुट्ठी में भरने के सपने देखता है, हर क्षेत्र, हर दिशा में युवा अपने कदम आगे बड़ा रहा है. परन्तु कही ना कही युवा अपने नैतिक मूल्यों, सामाजिकता और विशेषकर धर्म से भी दूर होता जा रहा है. आज के परिप्रेक्ष्य अगर कोई युवा तमाम ताम-झाम और दुनियादारी को छोड़ ईश्वर के प्रति आस्था लगा ले और संत हो जाये तो आश्चर्य स्वाभाविक है. फतेहपुर झरिया की रहने वाली महज 22 वर्ष की परी जो सीए की पढ़ाई मुंबई में रहकर कर रही थी. उसने इस संसार से नाता तोड़ संन्यासी बनने का संकल्प ले लिया है.

गुजराती समाज के मिलन मेहता व बीना मेहता की यह पुत्री अब जैन साध्वी बनेगी. अन्य मुमुक्षु के साथ वह रविवार को मुंबई प्रस्थान करेगी. चार फरवरी को नम्र मुनि से परी व अन्य लोग भी दीक्षा लेंगे. परी को आशीष देने उनकी 105 वर्षीय परदादी भी व्हील चेयर पर आई थीं. उनकी आंखें भी भावनाओं के ज्वार में बह गई. जबकि उसके माता-पिता को भी बेटी के इस कदम पर गर्व था. मोक्ष की राह में बढ़ चली परी की आंखें चमक रहीं थीं.

परी का स्वागत जुलुस मेन रोड, चार नंबर, लाल बाजार, लक्ष्मीनिया मोड़, सब्जी पट्टी, बाटा मोड़ से निकला. सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए. जैन समाज झरिया के अध्यक्ष दीपक उदानी ने कहा समाज के अध्यक्ष के लिए इससे बड़ा कोई अवसर नहीं कि उसके समाज की बेटी दीक्षा ले रही है.

कंधार अपहरण कांड - आतंकियों ने की थी ऐसी मांग

कंडोम खरीने पर आधार नंबर देना जरूरी है? - चिदंबरम

ये दान आपको पुण्य नहीं बल्कि पापी बना देते हैं

इसलिए जरूरी होता है मंदिर की परिक्रमा करना

 

Related News