वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण ठीक होने के बाद दोबारा हो सकता है , जाने रिपोर्ट

वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस के संक्रमण तेज़ी से फ़ैल रहा है ऐसे में एक सवाल ये उठता है की क्या एक बार इस संक्रमण से ग्रसित होकर ठीक होने के बाद व्यक्ति दोबारा इससे ग्रसित हो सकता है जिसके जवाब पाने की कोशिश की गयी तो ये पता चला की ऐसा होंने के चांसेस बहुत कम होते है क्योकि उस व्यक्ति में उस बीमारी से लड़ने के लिए एंटी बॉडीज मौजूद रहती है लेकिन अगर ऐसा होता है तो इसका एक सीधा मतलब ये होता है की वायरस के टिश्यू पूरी तरह से नष्ट नहीं हुए थे और पहली रिपोर्ट में इसका पता नहीं चल पाया था और इन बचे टिश्यू में विर्धि होने लगी है जिसके कारण ये बीमारी दोबारा हुई है। अब सवाल ये उठता है की कब तक ये संक्रमण शरीर में बनेगा और बढ़ेगा तो आइये जनतज है इसके जवाब..........

कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों का जब दोबारा टेस्ट होता है और अगर वो उसमें नेगेटिव पाए जाते हैं तो डॉक्टर्स ये मान लेते हैं कि शरीर से वायरस जा चुके हैं और उसके खिलाफ लड़ने के लिए इम्यूनिटी भी विकसित हो चुकी है। लेकिन हर बार यही हो, ऐसा जरूरी नहीं है। कई बार ये वायरस शरीर के उन टिश्यूज में छिपे रहते हैं जहां इम्यून सिस्टम का प्रभाव कम होता है। ऐसे में ये वायरस शरीर में ही रह जाते हैं। खबर के अनुसार, कुछ वायरस शरीर के भीतर तीन महीने या फिर इससे अधिक वक्त तक रह सकते हैं।

मशहूर पत्रिका में छपी इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में अब तक कम से कम 14 प्रतिशत ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें इस वायरस से ठीक हो चुके लोगों का जब दोबारा टेस्ट हुआ तो उसमें वो पॉजिटिव पाए गए। शोधकर्ता लुई एख़ुआनेस की मानें तो ऐसे लोगों को दोबारा संक्रमण नहीं होता है बल्कि पहले से मौजूद वायरस ही शरीर में खुद को बढ़ाने लगते हैं। इस स्थिति को चिकित्सीय भाषा में ‘बाउंसिंग बैक’ कहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा संभव हो सकता है कि किसी भी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ने में हर वक्त सक्षम न हो। ऐसे में जरा-सा भी इम्यूनिटी के कमजोर पड़ने पर शरीर में मौजूद वायरस दोबारा हमला कर देते हैं।

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