गुरु पूर्णिमा का पर्व हर साल मनाया जाने वाला पर्व है। इस पर्व को इस साल 13 जुलाई को मनाया जाने वाला है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं गुरु पूर्णिमा की विशेष आरती। गुरु पूर्णिमा आरती आरती करूं गुरुवर की प्यारे गुरुवर की आरती जय गुरुदेव अमल अविनाशी, ज्ञानरूप अन्तर के वासी, पग पग पर देते प्रकाश, जैसे किरणें दिनकर कीं। आरती करूं गुरुवर की॥ जब से शरण तुम्हारी आए, अमृत से मीठे फल पाए, शरण तुम्हारी क्या है छाया, कल्पवृक्ष तरुवर की। आरती करूं गुरुवर की॥ ब्रह्मज्ञान के पूर्ण प्रकाशक, योगज्ञान के अटल प्रवर्तक। जय गुरु चरण-सरोज मिटा दी, व्यथा हमारे उर की। आरती करूं गुरुवर की। अंधकार से हमें निकाला, दिखलाया है अमर उजाला, कब से जाने छान रहे थे, खाक सुनो दर-दर की। आरती करूं गुरुवर की॥ संशय मिटा विवेक कराया, भवसागर से पार लंघाया, अमर प्रदीप जलाकर कर दी, निशा दूर इस तन की। आरती करूं गुरुवर की॥ भेदों बीच अभेद बताया, आवागमन विमुक्त कराया, धन्य हुए हम पाकर धारा, ब्रह्मज्ञान निर्झर की। आरती करूं गुरुवर की॥ करो कृपा सद्गुरु जग-तारन, सत्पथ-दर्शक भ्रांति-निवारण, जय हो नित्य ज्योति दिखलाने वाले लीलाधर की। आरती करूं गुरुवर की॥ आरती करूं सद्गुरु की प्यारे गुरुवर की आरती, आरती करूं गुरुवर की। अपने ही शिष्य को नहीं हरा पाए थे परशुराम, जानिए क्यों? खाना बदल देगा आपकी किस्मत और ग्रह होंगे शांत, जानिए कैसे? अगर कुंडली में है गुरु दोष तो गुरु पूर्णिमा पर करें यह उपाय