रावण के पुतलों पर भी पड़ी जीएसटी की मार

नई दिल्ली : चार दिन बाद दशहरा हैं. पूरे देश में बुराई के प्रतीक रावण का दहन किया जाएगा. लेकिन इस साल जीएसटी की मार से रावण के पुतले भी नहीं बच सके हैं. पुतला बनाने में काम आने वाली सामग्रियों की कीमत बढ़ जाने से पिछले साल की तुलना में इस साल लागत में काफी वृद्धि हो गई. इसका असर रावण के पुतलों के ऑर्डर पर भी पड़ा हैं.

उल्लेखनीय हैं कि पश्चिमी दिल्ली का तातारपुर गांव राजधानी में रावण के पुतलों का प्रमुख बाजार है. यहां 1973 से यह बाजार लगता हैं. रावण पुतले विक्रेता संजय ने बताया कि इस साल जी.एस.टी. के बाद सभी सामान काफी महंगा हो गया है. इस कारण पुतलों के दाम बढ़ गए हैं.

वहीं रावण वाले कौशल के अनुसार इस बार पुतलों का दाम 300 से 350 रुपए फुट पर पहुंच गया है, जबकि पिछले साल यह 250 रुपए फुट था. बता दें कि अब अधिक ऊंचाई वाले पुतलों की मांग कम हो गई हैं. वहीं कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों की तो मांग ही न के बराबर रह गई है. अभी 40 फुट के रावण का दाम 12से 15 हजार रुपए है.जबकि पिछले साल यह 10 -11 हजार रुपए था.

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