नोटबंदी के बाद थमा आतंक का कारोबार, जाली नोट वाले हुए पस्त

नईदिल्ली। नोटबंदी के पहले बड़े पैमाने पर भारत में 500 रूपए के नकली नोट आ रहे थे लेकिन नोटबंदी के तहत 500 रूपए और 1000 रूपए के नोटबंद कर दिए जाने और 2000 रूपए के और 500 रूपए के नए नोट निकाले जाने के बाद जाली नोट के कारोबार पर लगाम लगी है। जाली नोट न चलने से पाकिस्तान समर्थित आतंकी पस्त हो गए हैं।

मिली जानकारी  के अनुसार इस मामले में दावा किया गया है कि 1000 रूपए और 500 रूपए के नोट बंद होने के बाद आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगने में सफलता मिली है। मिली जानकारी के अनुसार नोटबंदी के बाद आतंकी हमले में 60 प्रतिशत की कमी आई। मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के क्वेटा में सरकारी प्रिंटिंग प्रेस और काराची के सिक्योरिटी प्रेस में आयोजित होने वाली जाली मुद्रा की प्रिंटिंग बंद होने की हालत में है।

पाकिस्तान में नोट का कारोबार समाप्त हो गया है। आतंकवाद का सामना करना विश्व के लिए परेशानी भरा है। हालांकि यह बात सामने आई है कि आतंकियों की फंडिंग पर रोक लगाई जा चुकी है। हालात ये रहे हैं कि नोटबंदी के बाद से ही कश्मीर में हिंसा पर रोक लगाई जा सकी है। इसके पहले तो घाटी में कथित तौर पर रूपए देकर पत्थरबाजी करवाई जाती थी।

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